मासिक धर्म की भ्रांतियां एवं झिझक को दूर करना जरूरी : डॉ स्मृति सिंह

झारखंड
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  • एनएसएस और यूनिसेफ का मासिक धर्म स्‍वच्‍छता प्रबंधन पर जागरुकता कार्यक्रम

रांची। रांची विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई और झारखंड यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में हातमा बस्ती में ‘मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन’ विषय पर जागरुकता कार्यक्रम 9 अक्‍टूबर को आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने की।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आरयू के वोकेशनल कोर्सेस की उप निदेशक डॉ स्मृति सिंह ने कहा कि अभी भी किशोरी और महिलाओं में मासिक धर्म के बारे में भ्रांतियां एवं झिझक है। इसे दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ की ‘चुप्पी तोड़ो- स्वस्थ रहो’ अभियान को एनएसएस के माध्यम से धरातल पर उतारने के लिए स्वयंसेवकों को आगे आना होगा। महिला एवं किशोरी माहवारी को सहज मानकर शर्म और झिझक को छोड़ते हुए इसे भगवान का बहुमूल्य उपहार समझें।

कार्यक्रम में रिम्स की वरीय महिला चिकित्सक डॉ अतिमा भारती ने कहा कि मासिक धर्म की अवधि में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। पीरियड के समय स्वच्छता के प्रति लापरवाही से कई प्रकार की आंतरिक बीमारियों से ग्रसित होना पड़ता है। उन्होंने माहवारी से जुड़े कई प्रश्नों का सहजता से जवाब दिया। इससे होने वाली बीमारियों के लिए उपयुक्त दवा भी बताई।

यूनिसेफ के मासिक धर्म विशेषज्ञ लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा लगातार मसिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को लेकर लगातार जागरुकता कार्यक्रम किये जा रहे हैं। इससे प्रभावित किशोरी एवं महिलाओं को समुचित इलाज कराने में सहयोग कि‍या जा रहा है।

अध्यक्षीय संबोधन में एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पर यूनिसेफ के साथ मिलकर एनएसएस के स्वयंसेवक लगातार कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस विषय को लेकर कैंपस टू कम्युनिटी में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

कार्यक्रम को यूनिसेफ की श्रेया, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ अनमोल लाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस की टीम लीडर फलक फातिमा और धन्यवाद श्रद्धा कुमारी ने किया।

कार्यक्रम में हातमा बस्ती के 55 महिलाएं एवं 25 एनएसएस के स्वयंसेवकों ने सहभागिता की। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस की नैंसी कुमारी, पूनम कुमारी, अमन कुमार, अंकित कुमार, मनबहाल बड़ाईक, शिवांगी कुमारी आदि स्वयंसेवकों की भूमिका रही।