रांची के दो जालसाज वाराणसी में गिरफ्तार, सेना में भर्ती के नाम पर वसूल रहे थे मोटी रकम

झारखंड
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रांची। बुधवार को सेना में भर्ती के नाम पर झारखंड की राजधानी रांची के दो जालसाज कोकर के सुंदर विहार निवासी अमित कुमार चौधरी पिता नवीन चौधरी और बजरंग नगर निवासी सचिन कुमार पांडेय पिता विमलेश पांडेय को यूपी के वाराणसी STF की टीम ने गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार दोनों ठग रांची के कोकर स्थित बजरंग नगर और सुंदर विहार का रहने वाले हैं। सुरक्षा बलों ने इनके पास से रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र, चार मोबाइल फोन, सात हजार रुपए नकद समेत एक कार बरामद किये हैं।

STF प्रवक्ता के अनुसार, पिछले दिनों मिलिट्री इंटेलिजेंस की वाराणसी यूनिट से सूचना मिली थी कि वाराणसी और आसपास के जनपदों समेत हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकाता, भुवनेश्वर, लखनऊ आदि जगहों में सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों का अंतरराज्यीय गिरोह बेरोजगार युवकों के साथ ठगी कर रहा है।

इस आधार पर कार्रवाई के लिए एसटीएफ की वाराणसी इकाई को निर्देश दिये गये थे। इस क्रम में निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गयी। बुधवार को टीम को जानकारी मिली कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का अमित कुमार चौधरी और उसके गिरोह के कुछ ठगों ने कैंटोमेंट एरिया स्थित डाक बंगले में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पंजाब और महाराष्ट्र के युवकों को मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में भर्ती के लिए फर्जी परीक्षा लेकर ठगी करने के लिए बुलाया है।

इस सूचना के आधार पर निरीक्षक अनिल सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ (वाराणसी) की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन उससे पहले ही ठग वहां से फरार हो गये। हालांकि, वहां मौजूद युवकों के बताने पर कुछ दूर पीछा कर एक कार JH 001 DA 9903 को रोककर दो युवकों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार युवकों से पूछने पर दोनों ने पूरी कहानी पुलिस के सामने बयां कर दी। बताया कि दोनों एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य हैं। वहीं, अमित कुमार चौधरी इस गैंग का सरगना है। यह गैंग कैंटोनमेंट एरिया स्थित डाक बंगला में कमरा बुक कर विभिन्न राज्यों के बेरोजगार युवकों को बुलाकर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में भर्ती के नाम पर फर्जी परीक्षा कराने के साथ उनका फिंगर प्रिंट लेता था।

इसके बाद कबीरचौरा स्थित मंडलीय चिकित्सालय से मेडिकल कराकर फर्जी ज्वानिंग लेटर देकर मोटी रकम ऐंठता है। यह धोखाधड़ी वे कई साल से करते आ रहे हैं। गैंग का एक सदस्य राकेश कुमार बिष्ट MES का फर्जी आईडी दिखाकर बेरोजगार युवकों को झांसे में लेता है। वहीं, डाक बंगला में पहचान के लोगों के माध्यम से आराम से कमरा बुक हो जाता है।

कैंटोनमेंट क्षेत्र में डाक बंगला होने के कारण भर्ती होने आये युवक उसे मिलिट्री का ऑफिस समझकर परीक्षा देते थे। इसी दौरान जालसाज प्रति बेरोजगार एक से दो लाख रुपये अपने बैंक अकाउंट में मंगवा लेते हैं। इसके बाद मंडलीय अस्पताल (कबीरचौरा) में मेडिकल करवा कर चार लाख रुपये की मांग करते हैं। पैसा मिल जाने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र उनके पते पर भेज देते हैं।