वर्तमान कृषि शिक्षा पर शिक्षक, वैज्ञानिक और छात्रों को मिले टिप्‍स

झारखंड शिक्षा
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  • प्रख्‍यात कृषि वैज्ञानिक डॉ एके सरकार ने किया संवाद

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय के कृषि संकाय में वर्तमान कृषि शिक्षा विषय पर जाने-माने कृषि वैज्ञानिक डॉ एके सरकार के साथ शिक्षक, वैज्ञानिक, पीजी व पीएचडी छात्रों का सीधा संवाद आयोजित किया गया।

दबाव एवं परेशानियां बताई

मौके पर डॉ एके सरकार ने शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों से शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों की स्थिति के बारे में जाना। संकाय के शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों ने खुलकर अपनी बातों को रखा। बड़े पैमाने पर शिक्षक एवं वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति एवं नियमित नियुक्ति नहीं होने से कार्य दबाव एवं परेशानियों को साझा किया।

संस्थान से ही है पहचान

डॉ सरकार ने कहा कि सेवानिवृत्ति एक नियमित प्रक्रिया है। शिक्षण संस्थानों पर उतार-चढ़ाव एक प्रतिक्रियात्मक व्यवस्था है। संस्थान से ही शिक्षक एवं वैज्ञानिकों की पहचान है। सीमित संसाधन के बावजूद शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों में निरंतरता बनाये रखना होगा। उन्होंने वर्तमान हालात में शिक्षक एवं वैज्ञानिकों को अभिनव तकनीकी सोच, लगातार आपसी संवाद एवं चर्चा, राज्य एवं किसानों के हित में निरंतर बेहतर कार्य करने की सलाह दी।

सहयोग से बढ़ावा दि‍या जाए

विकसित फसल किस्मों को किसानों के पारस्परिक सहयोग से बढ़ावा देने पर जोर दिया। शोध कार्य के लिए आईसीएआर से प्रभावी समन्यवय स्थापित करने की बात कही। बीज उत्पादन को गति देने के लिए कृषि सचिव, कृषि निदेशक एवं संयुक्त कृषि निदेशक से निरंतर संवाद, सहयोग एवं समन्यवय स्थापित करने की सलाह दी।

कार्यक्रम में डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल, पूर्व डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव एवं डीएसडब्लू डॉ डीके शाही ने भी अपने विचारों को रखा। मौके पर डॉ एस कर्माकार, डॉ पीके सिंह, डॉ सोहन राम, डॉ रमेश कुमार, डॉ पीबी साहा सहित संकाय के सभी शिक्षक एवं वैज्ञानिक मौजूद थे।

पीजी व पीएचडी छात्रों संग संवाद

कृषि संकाय के विभिन्न विभागों में अध्ययनरत पीजी और पीएचडी छात्र-छात्राओं के संग संवाद में भी डॉ एके सरकार ने भाग लिया। छात्रों से राज्य में कृषि की मूलभूत समस्या एवं उनके शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में पूछा। छात्रों ने एजुकेशनल टूर, पुस्तकालय, प्रतियोगिता परीक्षाओं की समस्या से अवगत कराया।

डॉ सरकार ने कहा कि कृषि शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं है। पीजी व पीएचडी छात्रों में देश एवं प्रदेश की कृषि समस्यायों की जानकारी जरूरी है। छात्रों को अभी से भविष्य में नियोजन की रणनीति बनानी चाहिए। उच्चतर शिक्षा हासिल करने का प्रयत्न करें। दूसरे राज्यों की तरह छात्र विदेशों में भी उच्चतर शिक्षा लेने का प्रयत्न करें। बदलते युग में ऑनलाइन एवं ऐप के माध्यम से भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की बेहतर तैयारी और कोउन्सल्लिंग प्राप्त की जा सकती है।

सभी छात्र राज्य में स्थित सभी आईसीएआर संस्थानों के एजुकेशनल टूर में जायें। शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों के लगातार संपर्क में रहे। छात्र व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अपने विचारों को साझा करें।