जमशेदपुर। टाटा स्टील ने फ्लाई ऐश और स्टील स्लैग के मूल्य निर्धारण पर दो दिवसीय सम्मेलन : चुनौतियां, नवाचार और भविष्य के रुझान (वी-एफएएसएस 2022) का आयोजन किया। सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (CSIR-NML) और इंडियन सिरेमिक सोसाइटी (ICS) जमशेदपुर चैप्टर के सहयोग से कार्यक्रम किया गया।
22-23 सितंबर को बेलडीह क्लब में आयोजित कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत और जेएनयू के चांसलर ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने देश में उद्योग के सतत विकास के दृष्टिकोण से फ्लाई ऐश और स्टील स्लैग के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया। बाय-प्रोडक्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों का सारांश प्रस्तुत किया। इस सत्र में सम्मानित अतिथि नेशनल कॉउंसिल ऑफ़ सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटेरियल्स (एनसीसीबीएम) के डायरेक्टर जनरल डॉ बी एन महापात्रा और सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ इंद्रनील चट्टोराज ने शिरकत की।
डॉ महापात्रा ने सीमेंट और भवन क्षेत्र में बाय प्रोडक्ट्स के उपयोग के लिए की गई प्रमुख पहलों की रूपरेखा तैयार की। डॉ चट्टोराज ने मूल्य वर्धित उपयोग के लिए बाय प्रोडक्ट्स और जियोपॉलिमर के मैकेनिकल एक्टिवेशन पर अग्रणी शोध पर प्रकाश डाला। डॉ संजय कुमार (आयोजक समिति के चेयरमैन और चीफ साइंटिस्ट, सीएसआईआर-एनएमएल) और डॉ अतनु रंजन पाल (को-चेयरमैन और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, प्रक्रिया, टीएसएल) और डॉ सुभद्रा सेन (संयोजक और हेड टेक्नोलॉजी ऑफिसर,टीएसएल) के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया।
स्टील स्लैग और फ्लाई ऐश क्रमशः स्टील प्लांट्स और पावर प्लांट्स के बाय-प्रोडक्ट हैं – जो औद्योगिक विकास के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से है। सस्टेनेबल निर्माण के लिए इन बाय प्रोडक्ट्स का प्रभावी उपयोग महत्वपूर्ण है, और सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए उनका मूल्य निर्धारण महत्वपूर्ण है। सम्मेलन में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों, स्टील और सीमेंट उद्योगों, कंक्रीट और फ्लाई ऐश ब्रिक निर्माताओं के 150 से अधिक सम्मानित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
दो दिवसीय सम्मेलन में सीमेंट उद्योग के प्रख्यात विशेषज्ञ डॉ एके चटर्जी का भाषण, संबद्ध उद्योगों और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों द्वारा 12 आमंत्रित व्याख्यान और बाय प्रोडक्ट्स कैरेक्टराइजेशन, चुनौतियों और अवसरों के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ताओं के 25 शोध पत्र शामिल थे।
कार्यक्रम में कई प्रभावशाली विचारों का आदान-प्रदान हुआ। क्षेत्र में विचारोत्तेजक अनुसंधान पहलों की प्रस्तुतियां दिखायी गईं। इन क्षेत्रों में काम करने वाले विभिन्न संगठनों द्वारा फ्लाई ऐश और स्टील स्लैग से विकसित सस्टेनेबल उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। 50 से अधिक ग्राहकों की भागीदारी के साथ ईंट निर्माताओं और रोड डेवेलपर्स के साथ एक समर्पित सत्र आयोजित किया गया।
सत्र में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों, जिसका नेतृत्व कर्नल अजय श्रीराम कपूर, जीएम और परियोजना निदेशक, पीआईयू-जमशेदपुर, एनएचएआई और राजेश रजक, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पूर्वी सिंहभूम के नेतृत्व में जेएसआरआरडीए की एक टीम ने भी भाग लिया।