प्रसिद्ध प्रसार वैज्ञानिक डॉ चंद्रिका प्रसाद नहीं रहे

झारखंड
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रांची। प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भूतपूर्व उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ चंद्रिका प्रसाद का 29 सितंबर को निधन हो गया।

वह रांची कृषि महाविद्यालय के प्रथम बैच के छात्र रहे थे। प्रथम पीढ़ी के प्रसार वैज्ञानिक माने जाते थे। उन्होंने प्रसार शिक्षा के विषय वस्तु के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वह राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद के निदेशक भी रहे। देश में कृषि विज्ञान केंद्रों के विस्तार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

महिला कृषकों की दशा सुधारने के लिए रणनीति बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वर्ष 1989 में उन्होंने महिला कृषकों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया, जिसके पश्चात महिला कृषकों पर अनुसंधान कार्य में तेजी आई। इसकी परिणति आईसीएआर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर विमेन इन एग्रीकल्चर के रूप में सामने आई।

उनके निधन पर बृहस्पतिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने उनकी वैज्ञानिक दक्षता, प्रशासनिक क्षमता और मानवीय गुणों की चर्चा की।