बाहुबली अनंत सिंह के करीबी कार्तिक मुश्किल में, इस मामले में कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिहार देश
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पटना। बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के दो सप्ताह बाद ही त्यागपत्र देने वाले कार्तिक कुमार की अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

पटना के दानापुर कोर्ट ने फैसला सुनाया। ऐसे में अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कल ही विभाग बदल कर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग सौंपा गया था, जिसके बाद उन्होंने देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

बाहुबली नेता एवं पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी कार्तिक वर्ष 2014 के अपहरण के एक मामले में आरोपित हैं। घटना नवंबर 2014 की है।

बताया जाता है कि मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह के कथित चार करोड़ 70 लाख रुपये लेकर बिल्डर राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह फरार चल रहा था। इस बीच अनंत सिंह को इस बात की खबर मिली कि राजू बिल्डर अपने बिहटा स्थित पैतृक गांव में आया हुआ है।

राजू बिल्डर की गांव में होने की सूचना के बाद अनंत सिंह छह गाड़ियों के काफिले के साथ बिहटा पहुंच गए और राजू बिल्डर को अपनी गाड़ी में बिठाया और पटना की ओर लौटने लगे, लेकिन इस दौरान राजू के समर्थकों ने जमकर बवाल मचाया।

बताया जाता है कि हंगामे के दौरान अनंत सिंह के काफिले में शामिल एक गाड़ी में आग लगा दी गई। बिहटा में बबाल की सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हुई, लेकिन तब तक अनंत सिंह गाड़ी में राजू को लेकर वहां से काफी आगे निकल चुके थे।

राजू बिल्डर के अपहरण की खबर पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई। जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी जितेंद्र राणा ने स्वयं कमान संभाल ली। पुलिस एक्टिव हुई, बिहटा पुलिस ने अनंत सिंह का पीछा करना शुरू किया, लेकिन जब बिहटा पुलिस मनेर के गौरया स्थाल पहुंचे अनंत सिंह राजू बिल्डर को लेकर शास्त्रीनगर थाना पहुंच गए।

थाने में खूब हंगामा हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने गौरीचक के एक पुराने मामले में राजू बिल्डर को जेल भेज दिया और अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ सरकारी आवास लौट गए।

हालांकि, बाद में राजू के बयान पर अनंत सिंह समेत अन्य लोगों के विरुद्ध अपहरण कर प्रताड़ित करने की प्राथमिकी बिहटा थाने में की गई थी। इसी मामले में कार्तिक कुमार भी आरोपित थे।