रांची। झारखंड के विभिन्न जिलों में काम करने वाले कृषक मित्रों को तोहफा मिल सकता है। वर्तमान में उन्हें दिए जा रहे प्रोत्साहन राशि में वृद्धि किए जाने या मानदेय देने पर निर्णय हो सकता है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री (CM) हेमंत सोरेन 12 सितंबर को विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
कृषक मित्र संघ के राज्य अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि कृषक मित्रों को कॉपी-कलम आदि के लिए सालाना 12000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें कोई राशि नहीं मिलती है, जबकि कृषक मित्र राज्य में कृषि व किसानों के उत्थान को लेकर कई कार्य करते हैं।
मानदेय देने की मांग को लेकर पिछले दिनों कृषक मित्र हड़ताल पर चले गए हैं। कृषक मित्रों को केवल आत्मा के प्रचार प्रसार के लिए रखा गया था। अब कृषि विभाग के अलावा सहकारिता विभाग, पशुपालन विभाग, भूमि संरक्षण, मनरेगा, चुनाव कार्य, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित अनेकों विभाग के कार्य कराए जा रहे हैं। हालांकि अब तक कृषक मित्रों को कोई भी मानदेय नहीं दिया जाता है।
कृषक मित्र के प्रोत्साहन राशि में 4 हजार से लेकर 5 हजार तक बढ़ोतरी करने पर मंथन चल रहा है। इसे लेकर विभाग के अधिकारियों ने विस्तृत चर्चा की है। सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार पर भी चर्चा की गई है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की गई है।
पूरे राज्य में 16,533 कृषक मित्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में 11,792 कार्यरत हैं। चयन के लिए 4,740 पद रिक्त है।
कृषि विभाग ने कृषक मित्रों को लेकर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वक्त मांगा था। सीएम ने इस विषय पर चर्चा के लिए 12 सितंबर, 22 को अपराह्न 2 बजे बैठक के लिए समय दिया है। इस दौरान कृषक मित्रों को आकस्मिक व्यय के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन राशि में वृद्धि अथवा उनके लिए मानदेय पर विचार करने से संबंधित विषय चर्चा होगी।