नई दिल्ली। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने द ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के नवीनतम चरण को लागू करने में सहयोग करने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य स्कूल नेटवर्क में पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
टेरी और टीएसएफ द ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट-चरण V के लिए सहयोग करेंगे, जिसका उद्देश्य पानी, ऊर्जा, वन एवं जैव विविधता और अपशिष्ट प्रबंधन (जिसका जलवायु परिवर्तन के साथ परस्पर संबंध है) पर 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के युवा मस्तिष्कों को शिक्षित करना और सशक्त बनाना है, ताकि एक सस्टेनेबल वातावरण के निर्माण को सक्षम करने वाले समाधान विकसित करने के लिए स्कूल और सामुदायिक स्तर पर जागरुकता और कार्यान्वयन परियोजनाएं शुरू की जा सके। ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट 2017 में टीएसएफ और टेरी द्वारा शुरू किया गया था, ताकि पाठ्यक्रम लिंकेज, एक्शन प्रोजेक्ट्स और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरुकता पैदा करने की दिशा में काम किया जा सके।
एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए, टेरी की डायरेक्टर जेनरल डॉ विभा धवन ने जमीनी स्तर पर सस्टेनेबिलिटी के बारे में जागरुकता पैदा करने में ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट जैसे मॉडलों के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ धवन ने कहा कि प्रोजेक्ट स्थानीय समुदाय स्तर पर पारिस्थितिक शिक्षा पैदा करने में अग्रणी रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट नई पीएम श्री योजना 2022 के साथ पूरी तरह मेल खाती है, जिसे हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दी गई है।
टाटा स्टील फाउंडेशन के निदेशक चाणक्य चौधरी ने कहा कि यह हमारे प्रमुख सहयोगात्मक कार्यक्रम में से एक है जहां परियोजना एक ऐसे मुद्दे पर काम करती है जो आज से अधिक प्रासंगिक कभी नहीं रहा। आज भी समावेशी बना हुआ है। इस परियोजना के दौरान हमारी योजनाओं पर फिर से विचार करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि हम अपने लक्ष्यों के साथ जुड़े रहें। हम अपने समुदायों में बच्चों के बीच चेंज एजेंट बनाने के लिए तैयार हैं और यह एक बेहतर बदलाव है जिसे यह परियोजना लाने का प्रयास कर रही है।
टाटा स्टील के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय ने कहा कि छात्रों के लिए एक अभूतपूर्व सहयोग के रूप में हम यह सुनिश्चित करने के लिए तीन व्यापक दिशाओं पर विचार कर रहे हैं ताकि आने वाले वर्षों में यह अपनी तरह का एक अनूठा कार्यक्रम बन जाए: देश के कुछ सबसे दूरस्थ और कमजोर हिस्सों में अधिक स्कूलों तक पहुंचने के लिए परियोजना का विस्तार, इसे टेरी के साथ एक मॉडल के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, जिसे दोहराया जा सकता है और इस अवसर को एक ज्ञान मंच के रूप में देखें जो शिक्षा में शैक्षणिक अंतर को दूर करने का प्रयास करता है।
टेरी के विशिष्ट फेलो एस विजय कुमार कहा कि लंबे समय में इसका बहुत महत्व है क्योंकि यह शुरुआत में एक मुद्दे पर काम कर रहा है। बच्चों द्वारा लंबी अवधि में प्रभावी अभ्यासों को अपनाने के लिए प्रयास कर रहा है।
ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के चरण V के हिस्से के रूप में विभिन्न श्रेणियों के स्कूलों के लिए परियोजना पहल के माध्यम से एक अलग अध्यापन शास्त्र को डिजाइन, परीक्षण और दोहराया जाएगा। इस चरण में छात्रों को पड़ोस और उसके बाहर स्थित स्कूलों के साथ सहभागिता को बढ़ावा देकर छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वयंसेवा करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।