पटना। बिहार में छात्रों के भारी विरोध के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि बीपीएससी की PT अब पुराने पैटर्न पर ही होगी।
दो दिन के बदले परीक्षा एक दिन में ही ली जायेगी। बैठक में निर्णय लिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह ही एक दिन और एक पाली में ही ली जायेगी। हालांकि पीटी परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
अभ्यर्थियों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री आवास में हुई हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव समेत अन्य वरीय अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने सभी जिलाधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विमर्श किया है।
सभी से विमर्श के बाद इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह ही एक दिन एवं एक पाली में ही ली जायेगी। हालांकि पीटी परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
बता दें कि बीपीएससी की पीटी परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू करने और 2 दिन परीक्षा आयोजित करने को लेकर छात्र लगातार विरोध कर रहे थे। छात्रों ने बुधवार को इसको लेकर जमकर हंगामा मचाया था।
बीपीएसपी अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलाव को लेकर गांधी मैदान से बिहार आयोग तक पैदल मार्च निकाला था, लेकिन मार्च जैसे ही बिहार म्यूजियम पहुंचा कि अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और लाठी चार्ज कर अभ्यर्थियों को हटाया। इस लाठी चार्ज में कई महिला और पुरुष अभ्यर्थी घायल हो गये।
पुलिस के लाठीचार्ज में घायल अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास भी पहुंचे थे। वे वहां उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मामले में हस्तक्षेप करने के लिए फरियाद लेकर पहुंचे थे। हालांकि, उनकी मुलाकात तेजस्वी यादव से नहीं हो पायी थी। इसके बाद शाम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद संज्ञान लेकर इस मामले की समीक्षा करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलायी। बैठक में पीटी परीक्षा को एक ही दिन एक पाली में लेने का फैसला लिया गया।