CG : सौर सुजला योजना से किसानों की बढ़ रही आय

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  • क्रेडा ने अब तक 4 हजार 116 नग सोलर पंप किए स्थापित

हेमंत वर्मा

राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। अब सिंचाई के लिए सोलर पंप को पहचान की जरूरत नहीं है। किसानों की जागरुकता के कारण अब कोई भी ग्राम सोलर पंप स्थापना से वंचित नहीं रहा है। सोलर पंप स्थापना से कृषकों की आय में दोगुनी बढ़ोतरी होने के साथ कृषक ने लगातार सोलर पंप स्थापना की मांग कर रहे हैं। क्रेडा ने अब तक 4 हजार 116 पंप स्थापित किये जा चुके हैं। कृषकों के साथ-साथ गौठान एवं चारागाहों में भी सोलर पंप स्थापित किये जा रहे हैं। कई ऐसे ग्राम हैं, जहां 15-20 नग पंप स्थापित हैं।

राज्य शासन द्वारा ‘सौर सुजला’ योजना अंतर्गत स्थापित की जाने वाली सोलर पंप का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिल रही है।

कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि सौर सुजला योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली है। वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। किसानों को विद्युत के लिए किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है। इससे किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिली है। सोलर पंप स्थापना से शासन के करोड़ों रुपयै क्‍ी बिजली की बचत हो रही है। जमीन के दोहन, कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड व धुंए से मुक्ति मिल रही है।

छुरिया विकासखंउ के ग्राम पिनकापार एवं नवागांव में महिलाओं की जागरुकता के कारण 55 कृषकों के खेतों में सोलर पंप स्थापित हुआ है। इसमें अधिकांश पंप ग्राम के नदी, नाला, किनारे स्थापित है, जो कि सरफेस पंप हैं। ग्राम पिनकापार की श्रीमती भोमिन बाई कंवर ने कि उनके खेत में 5 एचपी क्षमता के सोलर पंप स्थापित है, जहां पर लगभग 8-10 एकड़ जमीन है। पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण मानसून पर निर्भर रहते थे। समय पर वर्षा नहीं होने के कारण फसल बर्बाद हो जाता था।

सोलर पंप लगने के पहले जमीन से लगभग आय 1 लाख 50 हजार रुपये होती थी। सोलर पंप लगने से उसी खेत में अब सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होने से 5-6 लाख रुपये के धान का उत्पादन हो रहा है। धान की फसल कटने के बाद गेहूं, चना, सब्जी जैसे भाटा, गोभी, बरबट्टी, टमाटर का उत्पादन करते हैं, जिसमें लगभग 40 से 50 हजार रुपये की अतिरिक्त आय होती है।

ग्राम पिनकापार के ही श्रीमती इंदबती यादव, गीतालाल यादव, चैनूराम कंवर, सुकालू राम कंवर द्वारा बताया गया कि सिंचाई की व्यवस्था के अभाव के कारण खेत बंजर जैसे रहता था। सोलर पंप लगने के बाद अब प्रति एकड़ आय 30 से 40 हो रही है। अब सारा गांव खुश है, क्योंकि गांव में लगभग 55 नग पंप लगे हैं। एक दूसरे से सिंचाई के लिए पानी लेकर कृषि कार्य कर रहे हैं।

ग्राम करमरी के नेमसिंग साहू द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग से प्रेरणा लेकर नाला के किनारे में सोलर पंप लगाये। गांव में 10 कृषकों के यहां सोलर पंप लगा है। 4 एकड़ जमीन में अब पानी की पूर्ति होने के बाद लगभग 10-11 एकड़ दूसरे कृषकों के जमीन में पानी सिंचाई कर सालाना 50-60 हजार रुपये का आय कर लेते, जो खेत से उत्पादन होने वाले धान, चना, गेहूं, सब्जी के अतिरिक्त है।

जिला अधिकारी क्रेडा संकेत द्विवेदी ने बताया कि यह उन किसानों के लिये लाभदायी है, जिसके पास सिंचाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं होती है या किसान के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वहन न करने की स्थिति में केवल मानसून पर ही निर्भर रहते हैं। वर्षा होने का इंतजार करते हैं। इससे कृषक आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन की पहल एवं वित्तीय सहयोग से के्रडा द्वारा सौर सुजला योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप की स्थापना का कार्य किया जा रहा हैं।