पटना। बिहार में नीतीश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भ्रष्टाचार चरम पर है। बगैर चढ़ावा चढ़ाये मजाल है कि आपका कोई काम हो जाए।
शुक्र मनाइये निगरानी विभाग की टीम का, जो रिश्वतखोरों पर लगातार शिकंजा कसे हुए है। अब सोमवार को ही आवास के बदले रिश्वत ले रहे आवास सहायक रूपेश कुमार और वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा को रंगे हाथों 12 हजार रुपए रिश्वत लेते निगरानी विभाग की टीम ने धनरूआ प्रखंड कार्यालय से गिरफ्तार किया।
निगरानी विभाग को शिकायत मिली थी कि धनरूआ प्रखंड के आवास सहायक रूपेश कुमार, वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा के सहयोग से आवास के बदले रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जो रिश्वत देता है, उसे सरकारी किस्त के रुपए दिये जाते हैं और जो रिश्वत देने से इंकार करता है, उसे सूची से हटा दिया जाता है।
निगरानी विभाग की टीम ने जब आरोप की जांच करायी, तो रिश्वत मांगने की बात सही निकली। इसके बाद दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की गयी।
डीएसपी के नेतृत्व में निगरानी टीम ने धनरूआ प्रखंड कार्यालय में छापेमारी कर आरोपी आवास सहायक रूपेश कुमार और वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और यह पता किया जा रहा है कि इस भ्रष्टाचार के इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं।