बीएयू में पोषक अनाजों पर जागरुकता कार्यक्रम, किसानों ने लिया हिस्‍सा

झारखंड कृषि
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रांची। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज (मिलेट्स) वर्ष के अवसर पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में 29 सितंबर को पोषक अनाज की खड़ी फसलों का प्रक्षेत्र परिभ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें दुमका, साहिबगंज एवं रांची जिले के लगभग 50 किसानों ने भाग लिया।

भ्रमणकारी किसान बीएयू के वेस्टर्न सेक्शन में मडुआ, गुंदली, कोदो, सावां, कंगनी, छोटी कंगनी, बाजरा, ज्वार आदि पोषक अनाज की खड़ी फसलों से रूबरू हुए। उनकी उत्पादन तकनीक और उन्नत प्रभेदों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ एसके पाल ने कहा कि इन पोषक अनाजों में मिनरल, आयरन, जिंक, फास्फोरस और आवश्यक अमीनो एसिड की मात्रा अधिक होती है। मानव शरीर इन्हें आसानी से ग्रहण कर लेता है। इसमें फाइबर और एंटी डायबेटिक प्रॉपर्टी अधिक है। इनका नियमित सेवन हृदय रोगों की संभावना को कम करता है। इन मिलेट्स से बिस्कुट, सेवई, पास्ता, चाउमिन, फ्लेक्स आदि कई मूल्यवर्धित पोषक खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं।

बीएयू में मिलेट्स संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ अरुण कुमार ने पोषक अनाज की महत्ता, उसकी उन्नत किस्मों तथा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के दौरान आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ सोहन राम, डॉ मिलन कुमार चक्रवर्ती, डॉ नीरज कुमार, डॉ सविता एक्का आदि वैज्ञानिकों ने भी किसानों का तकनीकी मार्गदर्शन किया। स्विच ऑन फाउंडेशन, कोलकाता के उप महाप्रबंधक सुरजीत कुमार चक्रवर्ती तथा प्रबंधक विकास कुमार भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आयोजन मिलेट्स संबंधी आईसीएआर अनुसंधान परियोजना, बीएयू के आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग और गैरसरकारी संस्था स्विच ऑन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।