रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर तलवार लटक रहा है। आज किसी भी वक्त फैसला आ सकता है। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूपीए की बैठक बुलाई है। इसमें ताजा स्थिति की समीक्षा करेंगे। उधर, विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय ने विकल्प सुझाये हैं। उनका मानना है कि हेमंत को 7 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने संबंधी पत्र चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को भेज दिया है। आज राज्यपाल द्वारा इसपर फैसले लेने की संभावना है। बताया जा रहा है कि फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।
इस बीच फैसला आने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झामुमो विधायक और सांसदों एवं यूपीए दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रांची के कांके रोड स्थित आवास में होगी। दोनों की बैठक में वर्तमान राजनीति स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसमें हेमंत के उत्तराधिकारी पर भी चर्चा किए जाने की उम्मीद है।
उधर, विधायक सरयू राय ने हेमंत सोरेन को लेकर विकल्प सुझाव हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन ने खनन पट्टा लेना पद का लाभ लेना माना है। इन्हें अयोग्य ठहराने की अनुशंसा की है। पद का लाभ भ्रष्ट आचरण है या नहीं यह राज्यपाल को देखना है।
भ्रष्ट आचरण होने पर शून्य से 7 वर्ष तक चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने का प्रावधान है। मेरा अनुमान है कि अयोग्य ठहराने की अधिसूचना राजभवन से निकलते ही हेमंत सोरेन इसके विरूद्ध हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्हें जाना भी चाहिए। यदि मुख्यमंत्री रहते न्यायालय से तुरंत स्थगन आदेश नहीं मिला तो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी वे न्यायिक लड़ाई लड़ सकते हैं।