- दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
रांची। सशस्त्र सीमा बल के कर्मियों को केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा। उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा। इसे लेकर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 26वीं बटालियन (अनगड़ा) और सीआईपी ने 6 अगस्त, 2022 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
बतातें चलें कि एसएसबी के जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा, सीमापार अपराध और देश में अनधिकृत प्रविष्टियां रोकने के लिए काम करते हैं। सीआईपी देश के सबसे बड़े मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक है। एसएसबी कर्मियों की भलाई के लिए आवश्यक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक गैर-वित्तीय समझौता ज्ञापन पर दोनों में समझौता हुआ।
एसएसबी कर्मी देश के लिए काम करते हैं। उनके काम करने की स्थिति कठिन है। उनके मानसिक स्वास्थ्य को महत्व देने की जरूरत है। सीआईपी उनके लिए सहायक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकता है। एमओयू का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक जरूरतों को समझना, मनोसामाजिक सहायता सेवाएं प्रदान करना और उचित मानसिक स्वास्थ्य के माध्यम से एसएसबी कर्मियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इनके साथ-साथ जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए उनकी कठिनाइयों और समाधानों को समझने के लिए अनुसंधान गतिविधियों को अंजाम देना है।
एमओयू के हिस्से के रूप में सशस्त्र बलों की भलाई के लिए एसएसबी और सीआईपी सहयोगी संबंधों के लिए काम करेंगे। इस अवसर पर सीआईपी के निदेशक एवं प्रोफेसर डॉ बासुदेव दास, डॉ. अविनाश शर्मा, डॉ दीपंजन भट्टाचार्जी, डॉ के प्रसाद, हरिओम पचोरी ने सीआईपी और एसएसबी का प्रतिनिधित्व वैभव सिंह परिहार (सेकेंड-इन-कमांड) एवं डॉ बृजेश (सेकेंड-इन-कमांड) ने किया।