पत्थलगड़ी समर्थन के विरुद्ध गुमला में दर्ज मामले होंगे वापस

झारखंड मुख्य समाचार
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  • सीएम हेमंत सोरेन ने इससे संबंधित प्रस्ताव पर दी सहमति

रांची। सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध करने और पत्थलगड़ी का समर्थन कर रहे व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज गुमला थाना में दर्ज मामले वापस होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबंधी प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है।

सीएनटी और एसपीटी में संशोधन का विरोध

सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध और पत्थलगड़ी करने के आरोप में गुमला थाना में 2 दिसंबर, 2016 को कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उनके वापसी से संबंधित गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्तावित संकल्प प्रारूप को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से गुमला थाना अंतर्गत सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध एवं पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी, उन्हें अब राहत मिल सकेगी।

आदिवासी समुदाय में पत्थलगड़ी पुरानी परंपरा

झारखंड के आदिवासी समुदाय और गांव में विधि-विधान और संस्कार के साथ पत्थलगड़ी (शिलालेख) की परंपरा पुरानी है। पत्थलगड़ी से मौजा, सीमाना, ग्रामसभा और अधिकार की जानकारी रहती है। वंशानुगत, पूर्वज और मरनी (मृत व्यक्ति) की याद को संजोए रखने के लिए भी पत्थलगड़ी की परंपरा रही है। कई गांवों में अंग्रेजों या दुश्मनों के खिलाफ लड़कर शहीद होने वाले वीर सपूतों के सम्मान में भी पत्थलगड़ी की जाती रही है।