रांची। सूबे में एक बच्ची को जिंदा जलाकर मार दिया जाता है और यहां के मंत्री झांकने तक नहीं जाते हैं। ऐसे में झारखंड की उपराजधानी दुमका में हुई अंकिता हत्याकांड का झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया।
हाईकोर्ट ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक और दुमका एसपी को निर्देश दिया है कि तत्काल अंकिता के परिवार को सुरक्षा मुहैया करायी जाये। साथ ही कहा कि जल्द से जल्द अनुसंधान कर इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया जाए।
यहां बता दें कि चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्ट्स पर इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया।
हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि यह घटना अमानवीय है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। खंडपीठ ने सरकार से सवाल किया कि क्या देवघर में बर्न वार्ड नहीं है?
कोर्ट ने कहा कि देवघर में एम्स है। क्या वहां ऐसी घटनाओं में घायल मरीजों के इलाज के लिए इंतजाम है? देवघर स्थित एम्स में बर्न वार्ड है या नहीं। हेमंत सरकार से इस मामले में कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।