- नागपुरी व ओडिसी लोक नृत्य एवं देश भक्ति गीत पर लोग झूमे
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ने आजादी का अमृत महोत्सव पखवाड़ा के तहत ‘एक शाम शहीदों के नाम’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गान, विभिन्न महाविद्यालयों के लोक नृत्य स्पर्धा के विजेता दल के नृत्य कला प्रदर्शनी से हुई। इसके बाद सबिता मिश्रा के नेतृत्व में देवाश्रुता ओडिशा एकेडमी के बालिकाओं ने ओडिशी नृत्य और अंत में प्रख्यात नागपुरी लोक गायक मुकुंद नायक के नेतृत्व में ‘कुंजबन’ मंडली ने करीब एक घंटे तक सभी को झुमाया।
बीएयू के 10 महाविद्यालयों के लोक नृत्य स्पर्धा के विजेता छात्राओं के दल ने देशभक्ति गीत पेश किया। छात्राओं ने अपनी नृत्य कला को प्रस्तुत किया। अपनी प्रतिभा से छात्राओं ने पूरा माहौल संगीतमय बना दिया।
कार्यक्रम में देवाश्रुता ओडिशा एकेडमी, रांची से जुड़ी सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग स्कॉलरशिप की बालिकाओं में बसुधा कर्मकार, इशिता रॉय, युक्ति प्रिया उरांव, सुरभि कुल्लू एवं अन्य लडकियों ने ओडिशी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति पेश की। उन्होंने मंगलाचरण गंगाधर नृत्य, नमोह नमः देश भक्ति गीत, कल्याण पल्लवी नृत्य, अभिनय श्रीता कमला नृत्याभिनय एवं वंदे मातरम आधारित ओडिसी नृत्य से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी।

कार्यक्रम के अंत में मुकुंद नायक के ‘कुंजबन’ मंडली द्वारा प्रस्तुत नागपुरी लोक नृत्य झुमइर, झुमइर घाटा एवं स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी शहीदों की वीर गाथा पर आधारित मनमोहक लोक नृत्य से हुई। मुकंद नायक के दल द्वारा प्रदर्शित लोक नृत्य एवं गीतों से विश्वविद्यालय के दर्शक झूम उठे। सभी ने एक साथ मिलकर नृत्य किया और अखरा प्रथा को जीवंत एवं सार्थक बनाया।
कृषि संकाय के प्रेक्षागृह में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने किया। उन्होंने झारखंडी कला-संस्कृति, झारखंड की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और देश की आजादी में आदिवासियों के संघर्ष एवं बलिदान पर अभिमान करने की बात कही। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक कला, गीत और नृत्य की सराहना की। सांस्कृतिक कार्यक्रम चार घंटे से अधिक समय तक चला।
संचालन रेडियो हरियाली की समन्यवयक शशि सिंह ने किया। स्वागत डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद और धन्यवाद एनएसएस यूनिवर्सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने किया।