झारखंड के 3 जिलों में 9 ईको पार्क का विकास करेगा सीसीएल

झारखंड
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  • वैप्‍कोस लिमिटेड से हुआ समझौता

रांची। झारखंड के तीन जिलों में सीसीएल 9 ईको पार्क का विकास करेगा। इसके लिए सीसीएल और वैप्‍कोस लिमिटेड के बीच 21 जुलाई को कंपनी मुख्‍यालय में समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये। इस अवसर सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, निदेशक तकनीकी (संचालन) राम बाबू प्रसाद, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एसके गोमस्‍ता और वैप्‍कोस लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सीएमडी ने कहा कि इस समझौते से सीसीएल के कमांड क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों एवं स्‍टेकहोल्‍डर्स को लाभ मिलेगा। कंपनी द्वारा किए गए विभिन्न पौधरोपण कार्यों के अलावे पर्यावरण संरक्षण के लिए सीसीएल के कमांड क्षेत्र में 126.47 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुये 9 इको पार्कों को विकसित कि‍ए जाएंगे। ये सभी 9 इको पार्क झारखंड के 3 जिलों में सीसीएल के बीएंडके, ढोरी, कथारा, बरकाकाना, बरका-सयाल, हजारीबाग, उत्तरी कर्णपुरा, पिपरवार और आम्रपाली क्षेत्र में विकसित किए जाएंगे।

समझौता के अनुसार वाप्‍कोस लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट कंसल्‍टेंट (पीएमसी) के रूप में उपरोक्‍त पार्कों का विकास किया जाएगा। इस कार्य के लिए 6 वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है। इसमें इको पार्क के विकास के लिए 1 वर्ष और आगे के पांच वर्ष रखरखाव और आखिरी के एक वर्ष को सेल्‍फ सस्‍टेनेबल अवधि शामिल है। उन सभी 9 इको-पार्कों के विकास की लागत 63,62,15,610.24 (जीएसटी सहित) रुपये आएगी।

इको-पार्क के विकास में मधुमक्खी पालन, मछली पालन, खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र जैसे उपयुक्त उपायों को अपनाकर एक स्थाई पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना की जाएगी, ताकि रखरखाव व्यय को पूरा करने के लिए राजस्व सृजन का लक्ष्य रखा जा सके।

वाप्‍कोस लिमिटेड स्थानीय किसानों को उनके लाभ के लिए कृषि तकनीकी की जानकारी के साथ-साथ उन्‍हें शिक्षित और प्रचारित करने की सुविधा भी देगा। भविष्य में पीएमसी राज्य पर्यटन विभाग के साथ समन्वय में ईको-टूरिज्म की सुविधा भी प्रदान करेगा।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाप्रबंधक (असैनिक) एसी मोहराना एवं उनकी टीम का सराहनीय योगदान रहा।