तिरुवनंतपुरम। कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच देश में मंकीपॉक्स के पहले केस की पुष्टि हुई है। संयुक्त अरब अमीरात से लौटे एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम लौटने पर उसे एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले थे। मरीज के नमूने को इकट्ठा करने के बाद उसे टेस्ट के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे भेजा गया था।
केरल में मंकीपॉक्स का केस मिलने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वायरस के प्रकोप की जांच और आवश्यक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में केरल सरकार की मदद के लिए मल्टी-डिसिप्लिनेरी सेंट्रल टीम तैनात करेगा।
यहां बता दें कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है।
ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस भी शामिल है। मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान, लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं।
इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां वगैरह शामिल हैं।