भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए योगाभ्यास जरूरी : डॉ बासुदेव दास

झारखंड
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  • सीआईपी में योग के महत्‍व पर जागरुकता अभियान

रांची। अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अंतर्गत रांची के कांके स्थित सीआईपी ने 20 जून को मरीज एवं उनके परिजन के लिए मानसिक रोग में योग के महत्व पर जागरुकता अभियान बाह्य रोगी विभाग में आयोजित किया। इसकी शुरुआत निदेशक डॉ बासुदेव दास ने की। उन्‍होंने कहा कि योग एक जीवन शैली है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है। योग को अपने दिनचर्या में अपनाना चाहिए। योग आत्मा एवं परमात्मा को जोड़ता है। साथ ही शरीर एवं मन से भी संबंध रखता है। योग को जीवनशैली में शामिल करना हमारे शारीरिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक स्वस्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है।

डॉ संजय कुमार मुंडा ने योग के विभिन्न पहलुओं को रखा। उन्होंने बताया कि आजकल के दौर में योग हमारे जीवन शैली से हट रहा। इसलिए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जिससे यह जीवन शैली का अभिन्न अंग बन सके। उन्होंने बताया कि योग द्वारा हम अपनी स्मृति की क्षमता को अच्छा कर  सकते है। दैनिक दिनचर्या को सकारात्मक रूप से प्रभावी बना सकते है।

इस अवसर पर सत्यानंद योग मिशन रांची के सन्यासी मुक्तिरथ ने बताया कि‍ आज के दौर में योग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय से जुड़ी समस्या, अवसाद, चिंता, तनाव एवं नींद की समस्या को ठीक रखने के लिए एक साधन के रूप में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने योग के विभिन्न आसन का मरीज और उनके परिजनों को व्यवहारिक रूप से प्रशिक्षण दिया।

कार्यक्रम में लगभग 200 मरीज और उनके अभिभावकों ने हिस्सा लिया। इस योग  प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हरिओम के धन्यवाद से हुआ। इस साप्ताहिक योग शिशिर का समापन 21 जून को एक कार्यशाला के साथ होगा।