एकीकृत बिहार की तर्ज पर जुमे की नमाज के लिए कर्मियों को मिले अल्‍पविराम

झारखंड
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  • उर्दू शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री को सुझाए 17 बिंदु, समाधान निकालने का किया आग्रह

रांची। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो के समक्ष 17 बिंदुओं पर शिक्षकों से संबंधित मांग और समस्याओं को रखा। महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि योजना मद में नियुक्त उर्दू शिक्षकों को गैर योजना मद में परिवर्तित किया जाय, ताकि वेतन भुगतान में होने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिल सके।

ये रखें सुझाव

भाषाई विद्यालयों में भाषाई शिक्षक (उर्दू, बंगला, ओड़िया, संस्कृत,नागपुरी, कुरमाली, संथाली आदि) को ही पदस्थापित किया जाय।

राज्य के उर्दू विद्यालयों में उर्दू भाषा में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराते हुए संस्कृत के बदले उर्दू भाषा का सेट दिया जाय।

राज्य के उर्दू विद्यालयों में उर्दू भाषी शिक्षकों को पदस्थापित किया जाय।

राज्य के +2 विद्यालयों में उर्दू एवं संस्कृत विषयों का पद सृजित कर यथाशीघ्र संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति की जाय, ताकि मैट्रिक के बाद उनकी पढ़ाई बाधित नहीं हो।

मदरसा एवं संस्कृत शिक्षकों को अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षकों की तर्ज पर पेंशन एवं अन्य सुविधाएं पूर्व की तरह बहाल की जाय।

उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश रहने के कारण कोई परीक्षा या अन्य गतिविधि नहीं रखी जाय।

राज्य में पुरानी पेंशन योजना को यथाशीघ्र लागू किया जाय।

एकीकृत बिहार की तरह झारखंड के सभी मुस्लिम कार्यालय कर्मियों के लिए शुक्रवार को जुमा की नमाज के लिए 12 से 2 बजे अपराह्न तक अल्‍पविराम का आदेश लागू की जाए।

स्थानांतरण से पूर्व लंबित प्रोन्नति का निराकरण किया जाय।

चतुर्थ श्रेणी के वेतन पर नई शिक्षक बहाली पर रोक लगे, क्योंकि इस कदम से अच्छे विद्यार्थी शिक्षक बनना स्वीकार नहीं करेंगे। पूर्व के वेतनमान के तर्ज पर ही पीआरटी और टीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति की जाय।

उत्क्रमित वेतनमान को ठंडे बस्ते से निकाल कर जल्द लागू किया जाए।

केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर राज्य के सरकारी विद्यालयों का संचालन हो। केंद्रीय विद्यालय का समय सारणी लागू करते हुए वार्षिक कैलेंडर का प्रकाशन सत्र शुरुआत के पहले ही कर दिया जाय।

नई स्थानांतरण नियमावली में सरलीकरण कर एक बार के लिए इस नियम को शिथिल करना श्रेयस्कर रहेगा।

गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को पूर्णतः मुक्त करने के साथ ही मध्यान भोजन योजना से जुड़े कार्यों से भी मुक्त किया जाना चाहिए।

कोरोना आपदा में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को भी कोरोना वॉरि‍यर्स घोषित करते हुए उन्‍हें भी बीमा सहित अन्य लाभ दूसरे विभागों को दिये गए सुविधाएं दी जाय। सभी विद्यालयों में कंप्यूटर और प्रिंटर की व्यवस्था होनी चाहिये। पूर्व में दिये गये पुराने टैब में उपस्थिति बनाने पर रोक लगाते हुए उच्च गुणवत्तायुक्त नया टैब सभी विद्यालयों को बायोमैट्रिक उपस्थिति के लिए मुहैया कराई जाय।