झारखंड में मरूस्थलीकरण रोकने के लिये तैयार होगा 2030 का विजन डॉक्यूमेंट

झारखंड
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  • वन विभाग के पलाश सभागार में विश्व मरूस्थलीकरण एवं सूख रोकथाम दिवस का आयोजन

रांची। झारखंड में करीब 20 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र ऐसा है। इसमें कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। वहां सिर्फ प्लांटेशन का काम किया जा सकता है। वहीं इन क्षेत्रों में तकनीकी कमी की वजह से वर्षा जल के संचयन का कार्य नहीं हो पा रहा है। इससे झारखंड की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। झारखंड में मरूस्थलीकरण रोकने के लिये 2030 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार होगा। उक्त बातें झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख एके रस्तोगी ने कही। वे 17 जून को रांची के डोरंडा स्थित पलाश सभागार में आयोजित विश्व मरूस्थलीकरण एवं सूख रोकथाम दिवस पर आयोजित फ्यूचर रेडी झारखंड कार्यक्रम में बोल रहे थे।

रस्तोगी ने कहा कि झारखंड की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिये दीर्घकालीन योजना तैयार करने की जरूरत है। जो जल और जंगल है, उन्हें बचाने के लिये वन विभाग के सभी स्तर के कर्मचारी और पदाधिकारियों को कार्ययोजना तैयार कर उसे कार्यान्वित करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इस दिशा में काम नहीं हुआ है। काम तो हुए हैं, लेकिन हम विभाग के कार्यों का दस्तावेजीकरण नहीं कर सकते हैं जिसे दुरूस्त करने की जरूरत है। इसलिये जो भी बीते दशकों में किये गये कार्यों का मॉनिटरिंग इंडेक्स है उसे लेकर भविष्य की योजना तैयार करने की जरूरत है।

संगोष्ठी में विभिन्न जिलों से आये जिला वन पदाधिकारियों ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि नर्सरी को लेकर और ज्यादा अच्छा काम करने की जरूरत है। बंद पड़ी खदानों को टेकओवर कर उन क्षेत्रों में भी पौधरोपण का कार्य किया जा सकता है। वन क्षेत्रों में लाइवलीवुड को प्राथमिकता देकर स्थिति में बदलाव की संभावना है। हमें सूखे की समस्या से निपटने के लिये अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करना होगा, ताकि 2030 के 32 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

कार्यक्रम में दो पुस्तिकाओं का भी लोकार्पण किया गया। विश्व मरूस्थलीकरण एवं सूख रोकथाम दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य प्राणी प्रतिपालक आशीष रावत, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह कार्यकारी निदेशक डॉक्टर संजय श्रीवास्तव सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आये वन पदाधिकारी उपस्थित थे।