जल्द 12 हजार अवर सेवा स्तर के और 40 हजार विभिन्न पदों पर होगी नियुक्ति

झारखंड
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  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 93 नवनियुक्त पदाधिकारियों के बीच नियुक्ति पत्र बांटा

रांची। राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है। झारखंड का राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला एक आदर्श प्रयोगशाला के रूप में अपनी पहचान बनाए, इस निमित्त आपसभी नवनियुक्त सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी एवं वैज्ञानिक सहायक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। हमें अब फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट, नारकोटिक्स जांच सहित अन्य टेक्निकल जांच के लिए सैंपल अन्य राज्यों में न भेजना पड़े इसीलिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है। हमारी सरकार ने राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिक्त पड़े पदों को भरने का काम किया है। जरूरत को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार आने वाले समय में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का विस्तार भी करेगी। जांच की वजह से पेंडिंग पड़े वादों का निपटारा जल्द हो यह सरकार की प्राथमिकता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 22 जून को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कहीं। मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं और बधाई दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं है यह संकल्प पत्र है। आज हम सभी का मकसद मिलकर राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करने का होना चाहिए।

जांच के अभाव में हजारों कैदी जेलों में है बंद

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलित, गरीब कमजोर वर्ग के हजारों कैदी जांच के अभाव में राज्य के विभिन्न कारागारों में बंद पड़े हैं। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में जो आंकड़े मेरे समक्ष लाए गए, उससे तो यह प्रतीत होता है कि ये सभी बंदी छोटे-छोटे जुर्म के आरोप में फंसे हैं। जांच के अभाव में कई वर्षों से राज्य के विभिन्न काराओं में कैदी के रूप में बंद पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों के वादों पर सरकारी संसाधनों का उपयोग से त्वरित जांच प्रक्रिया निष्पादित कर इन्हें न्याय दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न कारागारों में 80 से 90% कैदी छोटे-मोटे आरोपों के शिकार बने हैं। ये सभी कैदी आर्थिक रूप से कमजोर, गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं। इन्हें विधि सम्मत न्याय मिले यह हम सभी की जिम्मेदारी है।

झारखंड के नौजवानों में काबिलियत की कमी नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवानों के काबिलियत पर कोई प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं किया जा सकता है। सीमित संसाधनों के बावजूद हमारे नौजवानों ने कई क्षेत्रों में राज्य का नाम रौशन कर दिखाया है। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में एक साथ हमारे 25 बच्चों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता पाई है। राज्य स्थित नेतरहाट विद्यालय से पढ़कर अबतक सैकड़ों आईएएस, आईपीएस सहित अन्य बड़े पदों में अधिकारी देश के कोने कोने में काबिज हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवनियुक्त पदाधिकारी 90 से 95% स्थानीय बच्चे हैं, जिन्होंने अपना प्रतिभा को दर्शाया और आज नियुक्ति पायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आप सभी लोग राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नई क्षमता, नई ऊर्जा एवं नई सोच के साथ आगे ले जाएंगे।

सकारात्मक सोच के साथ नियम बनाने का कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विदेशों में शिक्षा ग्रहण के लिए एस्कॉलरशिप, खेल नीति सहित कई अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक सोच के साथ नियम बनाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 42% खनिज संपदा झारखंड में है। पिछले लगभग 100 वर्षों से खनन का कार्य किया जा रहा है, परंतु यहां के विस्थापितों को दूसरे राज्यों में जाकर रोजी रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। विस्थापितों का विकास सिर्फ मुआवजा देकर ही नहीं किया जा सकता है, बल्कि उन्हें सरकारी संसाधनों का लाभ देकर भी मजबूत करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्यों के तहत राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी के रूप में 1 लाख 36 करोड़ रुपये का बकाया केंद्र सरकार पर है। अब हमें केंद्र सरकार द्वारा बकाया राशि मिलना प्रारंभ भी हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी, दलित, जरूरतमंदों का जुबान बनकर कार्य कर रही है।

नई नियुक्ति नियमावलियों का मिल रहा है लाभ

हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में पड़े रिक्त पदों को भरने का कार्य किया जा रहा है। सरकार गठन के बाद से ही सभी विभागों की नियुक्ति नियमावलियों को दुरुस्त और सुदृढ़ किया गया है, जिसका लाभ झारखंड के स्थानीय बच्चों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 12,000 अवर सेवा स्तर के तथा विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक को अधियाचना भेज दी है। बहुत जल्द 40,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभागों में रिक्त पड़े पदों पर तेजी से नियुक्ति कर मानव बल के अभाव में हो रही समस्याओं का समाधान कर रही है। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि प्रत्येक महीने किसी न किसी विभाग में नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा, नियुक्ति रोजगार के कार्य सहित राज्य के प्रत्येक पिलर को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियुक्ति नियमावलियों में कई चीजों को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। पहले हमारे बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में आवेदन करने के लिए फॉर्म शुल्क के तौर पर पांच सौ, एक हजार, कभी-कभी पंद्रह  सौ रुपए लगते थे, परंतु हमारी सरकार ने अब यह शुल्क मात्र 50 से 100 रुपये ही रखा है। अब जेपीएससी इत्यादि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चार लाख से अधिक बच्चे शामिल होते हैं।

जन भावना के अनुरूप कार्य कर रही राज्य सरकार

इस अवसर पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार प्रत्येक क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जो कार्य 22 साल पहले हो जानी थी, वह कार्य आज किया गया। उन्होंने कहा कि गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, झारखंड हेतु चयनित सहायक निदेशक/वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारियों एवं वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति कई वर्षों पहले ही होनी चाहिए थी। हालांकि पूर्ववर्ती सरकारों के उदासीनता का परिणाम है कि यह नियुक्ति आज हो रही है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए अब हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रतिबद्धता के साथ अपने वादों को निभाने का काम किया है। तीव्र गति से सरकारी नियुक्तियां हो रही है। स्थिति अनुकूल रहती तो ये नियुक्तियां आज से डेढ़ वर्ष पहले ही हो गई होती। जल्द ही कई विभागों में हजारों नियुक्तियां होनी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में वर्तमान सरकार झारखंड की परिस्थिति के अनुसार यहां की जनभावना और जरूरत को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।

अब तेज गति से हो सकेगा फॉरेंसिक जांच का कार्य

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की क्राइम की जांच के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक जांच टीम का होना जरूरी होता है। एक्सपर्ट पदाधिकारियों के अभाव में पहले सैंपल जांच के लिए गुजरात भेजे जाते थे। वहां हमारी जांच को प्राथमिकता नहीं मिलती थी। इसी कारण पुलिस की जांच प्रभावित होती थी। लेकिन अब इससे मुक्ति मिलेगी। नवनियुक्त अधिकारियों के प्रति विश्वास जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए आये सभी सैम्पल ससमय पर पूरे होंगे, साथ ही बैकलॉग को क्लियर करने की रणनीति पर भी वह काम करें। इसके लिए उन्होंने गृह विभाग से अनुरोध किया कि 15 दिनों के अंदर एक ओवरटाइम सिस्टम काम करने की रणनीति बनाएं, जिसमें काम करने वाले अधिकारियों को सैलरी के साथ इंटेंसिव भी मिले। ताकि वे उत्साह से काम कर पाये।

गृह विभाग की रिक्तियों को तेज गति से भरा जा रहा

इस अवसर पर गृह, कारा एवं आपदा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नियुक्ति कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि जेएसएससी और जेपीएससी ने जितनी जल्दी से आज नियुक्ति पत्र पाने वाले अधिकारियों का रिजल्ट दिया है, वह अपने आप में माइलस्टोन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गृह विभाग में रिक्त पड़े विभिन्न पदों को नियम के तहत जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उसी का परिणाम है कि आज कुल 93 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।

मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि पूर्व में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए एक समिति बनी थी। समिति ने सुझाव दिया था कि पुलिस की जांच के साथ एक फॉरेंसिक जांच की भी टीम रहे। राज्य में फॉरेंसिक लैब तो था, परंतु जांच के लिए एक्सपर्ट अधिकारियों की कमी थी। अब अधिकारियों की नियुक्ति होने से इन समस्याओं का निपटारा हो सकेगा।