रांची। झारखंड के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर की विधानसभा सदस्यता खत्म होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग उन्हें नोटिस भेज रहा है। उन्होंने आयोग से ठेकेदारी की बात नहीं बताई थी। इस मामले में गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है। यह दावा भाजपा के गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दूबे ने किया है।
दरअसल, ठाकुर के विरुद्ध सुनील महतो ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। उन्होंने मंत्री पर लाभ के पद पर होने का आरोप लगाया था। आयोग से कार्रवाई करने की मांग की थी।
शिकायकर्ता ने लिखा था कि विधानसभा चुनाव के दौरान फार्म-26 में उन्होंने चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स का पार्टनर होने का उल्लेख किया है। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी राज्य सरकार के साथ किया टेंडर अस्तित्व में थीं। इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 ए का उल्लंघन मानते हुए ठाकुर की विधायकी रद्द करने की मांग की गई थी।
आयोग ने गढ़वा डीसी को शिकायती पत्र भेजते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया था। जांच के बाद पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर को क्लीन चिट दे दिया। इससे संबधित रिपोर्ट आयोग को डीसी ने भेज दिया था। इस मामले में चुनाव आयोग ने फिर से रिपोर्ट तलब की थी।
डॉ दूबे ने 8 जून को इससे संबंधित एक ट्विट किया है। उन्होंने लिखा है, ‘झारखंड के मंत्री मिथलेश ठाकुर जी ने ठेकेदारी की बात चुनाव आयोग को नहीं बताई, अब उनकी सदस्यता समाप्ति का नोटिस केन्द्रीय चुनाव आयोग भेज रहा है। पहले गलत रिपोर्ट देने के कारण झारखंड प्रशासनिक अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है।‘