कृषि क्षेत्र में नाबार्ड और बीएयू आपस में करेंगे सहयोग, बनी सहमति

कृषि झारखंड
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रांची। कृषि क्षेत्र के शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार शिक्षा कार्यक्रमों में आपसी सहयोग को मजबूती देने के उद्देश्य से नाबार्ड (रांची) और बीएयू आपस में सहयोग करेंगे। इसे लेकर दोनों प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक 2 जून को हुई। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य में कृषि विकास को तेजी देने की दिशा में आपसी सहयोग को व्यापकता देने एवं इनोवेटिव कृषि कार्यो को बढ़ावा देने पर सहमति जताई गई।

निरंतर तालमेल एवं सहयोग पर बल दिया

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने झारखंड कृषि के विकास एवं किसानों के हित में नाबार्ड एवं बीएयू के बीच निरंतर तालमेल एवं सहयोग और सबंध को प्रगाढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विगत 4-5 वर्षो में विवि में 7 नये महाविद्यालय जुड़े है। कार्य क्षेत्र का व्यापक विस्तार हुआ। बीएयू को संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से बीएयू द्वारा प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विस्तारीकरण को गति दी जा सकती है। उन्होंने नाबार्ड के पदाधिकारियों को एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इनोवेटिव कार्यक्रमों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस में फिश केज कल्चर के विकास में वित्तीय मदद उपलब्ध करने को कहा।

मेगा प्रोजेक्ट एवं डीपीआर भेजने को कहा

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिस्ट ने नाबार्ड द्वारा प्रदत्त सहायता के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, फार्म सेक्टर प्रमोशन, किसान मेला, सेमिनार, सिम्पोजियम, फार्मर्स प्रोडूसर्स आर्गेनाईजेशन, फिश केज कल्चर, नेचुरल फार्मिंग, रूरल हाट, रूरल मॉल, सोलर ट्री, एक्सपोजर विजिट एवं ट्रेनिंग आदि क्षेत्रों में वित्तीय मदद उपलब्ध करने की बात कही। उन्होंने बीएयू प्रबंधन को विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर आधारित मेगा प्रोजेक्ट एवं डीपीआर भेजने को कहा।

ट्रेनिंग और एक्‍सपोजर विजिट में सहयोग करें

नाबार्ड के पदाधिकारियों ने बीएयू प्रबंधन से नाबार्ड को सहयोग के लिए विश्वविद्यालय, आईसीएआर एवं स्वयंसेवी संस्थानों की रिसर्च एडवाइजरी ग्रुप बनाने और नाबार्ड से जुड़े 180 फार्मर्स प्रोडूसर्स आर्गेनाईजेशन (एफपीओ) के लाभुकों को ट्रेनिंग एवं एक्सपोजर विजिट कार्यक्रमों में बीएयू से सहयोग मांगा। साथ ही, होम साइंस विभाग में नाबार्ड के सेल्फ हेल्प ग्रुप को ट्रेनिंग की सुविधा देने और रूरल हाट/रूरल मॉल को बढ़ावा में सहयोग की अपील की। नाबार्ड ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत 4-5 विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष इंटर्नशिप प्रोग्राम अधीन फील्ड एक्सपीरियंस और विद्यार्थियों के सुविधाओं के विकास में सहयोग देने पर सहमति व्यक्त की।

इन मुद्दों पर भी की गई चर्चा

मौके पर डायरेक्टर रिसर्च डॉ एसके पाल ने फार्म सेक्टर प्रमोशन एवं रिसर्च फील्ड से सबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर सबंधी आवश्यकताओं की जानकारी दी। कुलपति के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ पीके सिंह ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार शिक्षा को निरंतरता के लिए प्राथमिकताओं की जानकारी दी। बैठक में नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक अभय कुमार सिंह, महाप्रबंधक गौतम कुमार बैठक के अलावा बीएयू उपकुलसचिव डॉ एस चट्टोपाध्याय, बीपीडी प्रभारी डॉ एस जयसवाल और डॉ बीके झा ने मौजूद थे। उन्‍होंने सहयोग क्षेत्रों पर अपने सुझाव दिये।