पटना। सियासत में लालू यादव का अंदाज हमेशा से ही निराला रहा है। वे अपने हर कदम से विरोधियों को सकते में डाल देते हैं। इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है। ऐसे समय में जब लालू परिवार में मतभेद और दोनों भाइयों के बीच दूरी की बात हो रही थी, लालू यादव ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए। पार्टी की बैठक में लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को अपने ठीक बगल में बैठाया। जबकि पार्टी की कमान संभाल रहे छोटे बेटे तेजस्वी को अपने से दूर बैठाया।
विरोधियों के लिए यह चौंकाने वाली तस्वीर थी लेकिन लालू यादव इसी के लिए जाने जाते हैं। लालू को मालूम है कि कब कैसे परिवार और पार्टी दोनों को साधना है और उसे राइट डायरेक्शन में लेकर चलना है। यही वजह है कि तेज को अपने लेफ्ट में बैठाकर लालू तेजस्वी को राइट संदेश दे गए। संदेश यह कि दूर बैठकर भी सियासी रूप से पूरी जिम्मेदारी तेजस्वी की ही रहेगी लेकिन उन्होंने पार्टी और परिवार को एक साथ अपने करीब बैठाकर ले चलना है। लालू यादव ने तेजस्वी को संकेत दे दिया कि चाहें जितना भी मनभेद हो लेकिन सियासी मंचों पर यह मनभेद और अपनों के बीच दूरी दिखनी नहीं चाहिए।
लालू यादव जानते हैं कि तेज प्रताप के गुस्से को कैसे शांत करना और तेजस्वी को सियासी रूप से कैसे मजबूत करना है ताकि वह सभी को साथ लेकर चले जैसे कि वह अब तक चलते आए हैं।