जल्द शुरू होगी जमुई में देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार की खोज, बिहार के अन्य कई इलाकों में होगी खुदाई

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जमुई। बिहार के जमुई जिले में देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार को खोजने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी साझा की है। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के एक सर्वेक्षण के अनुसार जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव सह खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि राज्य का खान और भूतत्व विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी अन्य एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है। उन्होंने बताया कि जीएसआई के निष्कर्षों पर विचार के बाद परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई है। सर्वेक्षण में जमुई जिले के करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी के संकेत मिले थे।

गया-औरंगाबाद में मिला निकिल, जहाज और मोबाइल में होता है इस्तेमाल

इधर बिहार के गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी क्षेत्र में निकिल पाया गया है। इसका इस्तेमाल हवाई जहाज और मोबाइल में बड़े स्तर पर किया जाता है।

रोहतास जिले में मिला भारी मात्रा में पोटाश

रोहतास जिले में करीब 25 वर्ग किमी इलाके में पोटाश पाया गया है। इसमें रोहतास जिले के नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी, टीपा प्रखंड में आठ किमी और शाहपुर प्रखंड में सात किमी का इलाका शामिल है। पोटाश का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर औषधि और रासायनिक खाद में होता है।

कोयला, निकिल और क्रोमियम का भी भंडार

बिहार में सोना के अलावा निकिल, क्रोमियम, पोटाश और कोयलेके भी भंडार हैं। जमुई में सोना, औरंगाबाद में निकिल और क्रोमियम, गया में पोटाश और भागलपुर में कोयला के बड़े भंडार का भी पता चला है।

भागलपुर में कोयले की खान

भागलपुर के पीरपैंती और कहलगांव के आसपास मौजूद कोयले का ग्रेड जी-12 उपलब्ध है। यहां करीब 850 मिलियन टन कोयले के भंडार का अनुमान है।

मंजोष में संगमरमर जैसे पत्थर मिले

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण में जमुई जिले के मंजोष गांव में लौह अयस्क के पर्याप्त भंडार मिलने के संकेत हैं। यहां मैग्नेटाइट का भंडार और खुदाई में सफेद संगमरमर जैसे पत्थर मिले हैं।

एक महीने के अंदर समझौते की संभावना

खान आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार के एक महीने के भीतर जी-तीन (प्रारंभिक) चरण के अन्वेषण के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना है।