NCRTC को सौंपी पहली रैपिड रेल की चाबी, दिल्ली-मेरठ की दूरी इतने मिनट में होगी तय

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गुजरात। गुजरात के सावली में एलस्टॉम इंडिया कंपनी ने NCRTC को पहली रैपिड रेल की चाबी सौंप दी है।। यह ट्रेन सड़क के रास्ते गाजियाबाद स्थित रैपिड रेल के दुहाई डिपो में लाई जाएगी। शनिवार को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण ये पहली ट्रेन दिल्ली परिवहन निगम को सौंप दी गई है।

पहली रैपिड रेल सराय काले खां-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर चलेगी। RRTS ट्रेन का डिजाइन हैदराबाद में तैयार किया गया और इसे गुजरात के सावली में बनाया गया। ये ट्रेन 180 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चल चल सकती है। NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम बेहतर सुविधा यात्रियों को दे सकें, इसके लिए लगातार हम तेज गति के साथ काम को बढ़ा रहे हैं।

भारत की पहली RRTS ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था। 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी।

RRTS अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेगी।