देहरादून। उत्तराखंड हिमालय के अन्न और भोजन परंपरा के पक्ष में धाद ने मासिक कल्यो फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया। आयोजन के विशिष्ट अतिथि शिक्षा शैलेश मटियानी पुरुस्कार 2022 से सम्मानित शिक्षक राजीव पांथरी थे। उन्होंने अपनी शिक्षण यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा में समाज की रचनात्मक भूमिका के कार्यक्रम कोना कक्षा का अभियान का पहला कोना उनके विद्यालय में स्थापित हुआ, जो आज सैकड़ों स्कूलों तक पहुंच गया है।
मौके पर धाद नाट्य मंडल ने कैलाश कंडवाल द्वारा निर्देशित ताजमहल का टेंडर का भी मंचन हुआ। अजय शुक्ला द्वारा लिखित हास्य नाटक लोगों को गुदगुदाने में कामयाब रहा। सरकारी भ्रष्टाचार की पोल खोलता नाटक बताता है कि किस तरह ताजमहल 25 साल तक सरकारी फाइलों में अटक जाता है और नही बन पाया। चीफ इंजीनयर गुप्तजी के रोल में सुदीप, सुधीर के रोल में अभिषेक, भैयाजी के रोल में प्रताप, धुर लाल के रोल में पंकज शर्मा, नेताजी के रोल मीनाक्षी जुयाल, विजिलेंस ऑफिसर आकांक्षा शर्मा, चोपड़ा के रोल में सार्थक बलूनी, दरबारी के रोल में अनिकेत गुप्ता और शाहजहां के रोल में कैलाश कंडवाल अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे।
इस अवसर पर फंचि के मासिक सदस्यों को पहाड़ी उत्पादन की फंचि भी भेंट की गई।
संस्था के सचिव तन्मय ने कहा कि फंचि एक सवाल का जवाब ढूंढने की सामूहिक कोशिश है कि उत्तराखंड हिमालय के अन्न और भोजन समाज की मुख्यधारा से क्यों गायब है। इसके साथ आर्थिकी क्यों नही बन पाई है। अध्यक्षीय संबोधन लोकेश नवानि ने किया।
इस अवसर पर कल्यो फूड फेस्ट में लोगो ने पहाड़ के पारंपरिक भोजन और उसके साथ किये जा रहे प्रयोगों का आनंद लिया।
मौके पर स्मृतिवन के संयोजक वीरेंद्र खंडूरी, फंचि के सचिव किशन सिंह, संयोजक साकेत रावत, ब्रज मोहन उनियाल, प्रो राजेन्द्र ममगाईं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक सेमवाल, साहित्यकार डॉ विद्या सिंह, डॉ विशाल शर्मा, प्रशांत के साथ बड़ी संख्या मेंलोग मौजूद थे। सभा का संचालन मीनाक्षी जुयाल ने किया। स्मृतिवन के सह सचिव सुशील पुरोहित ने धन्यवाद किया।
कल्यो फूड फेस्टिवल का आकर्षण कलयो की संयोजक मंजु काला द्वारा तैयार कल्यो रहा। मंजू बताती है कि पहाड़ के भोजन के साथ निरंतर प्रयोग किये जाने की जरूरत है, ताकि इसके साथ एक व्यापक समाज जुड़ सके।