मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक 100 एमटी कोयला गैसीकरण का रखा लक्ष्य

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  • भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए कोयला और खनन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अपनाना महत्वपूर्ण है : अपर सचिव

ओडिशा। कोयला मंत्रालय ने विद्युत मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय और खान मंत्रालय के सहयोग से 27 मई को भुवनेश्वर में राष्ट्रीय खनिज कांग्रेस का आयोजन किया। वर्चुअल माध्यम से कांग्रेस को संबोधित करते हुए कोयला मंत्रालय में सचिव अनिल कुमार जैन ने राष्ट्रीय खनिज कांग्रेस की सफलता की कामना की। हितधारकों के विचार-विमर्श के माध्यम से मूल्यवान परिणाम प्राप्त करने की आशा व्यक्त की।

मुख्य अतिथि कोयला मंत्रालय के अपर सचिव वीके तिवारी ने कहा कि मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन दस्तावेज तैयार किया है। कोयला गैसीकरण भविष्य है। कोयले को जलाने की तुलना में कोयला गैसीकरण को स्वच्छ विकल्प माना जाता है। गैसीकरण कोयले के रासायनिक गुणों के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है।

तिवारी ने कहा कि तकनीकी प्रगति से कोयला की अधिक मात्रा में प्राप्ति, खनन कार्यों में आसानी, उत्पादकता में वृद्धि, अधिक सुरक्षा और लागत में मदद मिल रही है। अपर सचिव ने कहा कि कंपनियों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने और डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की जरूरत है।

अपर सचिव ने कहा कि भारत के पास अपनी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 3896 मिलियन टन बॉक्साइट संसाधनों का विशाल भंडार है। भारत का भंडार इसके संसाधनों का केवल 17 प्रतिशत है, जो लगभग 656 मिलियन टन है। उन्होंने कहा कि बॉक्साइट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उन संसाधनों को विशेष भंडार में बदलने की आवश्यकता है। हमें गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए स्क्रैप का उपयोग करने की योजना के साथ आने की भी आवश्यकता है।

तिवारी ने कोयले से हाइड्रोजन की रूपरेखा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि भारत की हाइड्रोजन की मांग वर्ष 2030 तक बढ़कर 11.7 मिलियन टन प्रति वर्ष होने की संभावना है, जो वर्तमान में 6.7 मिलियन टन प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी और उर्वरक संयंत्र अब हाइड्रोजन के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं, जो प्राकृतिक गैस से उत्पादित किए जा रहे है। कोयला गैसीकरण के दौरान होने वाली प्रक्रियाओं में कोयले के माध्यम से इसका उत्पादन किया जा सकता है।

अपर सचिव ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन सभी क्षेत्रों में विचार-मंथन और सुधार करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस क्षेत्र का व्यावसायीकरण शुरू कर दिया है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। दोहरा अनुमोदन हटा दिया गया है; खान आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है और गैसीकरण को प्रोत्साहन दिया गया है। हम इस क्षेत्र को पूरी तरह से समर्थन देने के लिए कदम उठा रहे हैं।

विश्व खनन कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खनिज कांग्रेस में आज 20 प्रमुख कंपनियों के उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। एल्यूमीनियम और इस्पात क्षेत्र में चुनौतियों, कोयला गैसीकरण और कार्बन से हाइड्रोजन की कार्य योजना पर चर्चा हुई। शनिवार को प्रतिनिधि अंगुल में जेएसपीएल के कोयला गैसीकरण संयंत्र का दौरा करेंगे।