रांची। राज्यसभा चुनाव को लेकर झारखंड की गठबंधन सरकार में झामुमो और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। दरार के संकेत तक मिलने लगे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने डॉ महुआ माजी को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है। उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद से ही कांग्रेस के अंदर गहमागहमी शुरू हो गई है।
जानकारी हो कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा था कि इससे पार्टी को दुख जरूर हुआ है। चर्चा के बाद विश्वास में लेकर यह काम करते तो और बेहतर होता। इस बारे में कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ता से बात करेंगे। विधायकों में नाराजगी है।
कांग्रेस की नाराजगी झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की बातों से भी उभरकर सामने आई है। उन्होंने 31 मई को कहा कि हम लोग जानते हैं कि कैसे राज्य के विकास को गति देनी है। उनके लिए अगर कोई कहता है कि हम नतमस्तक हैं तो निश्चित रूप से झारखंड की जनता के लिए नतमस्तक हो सकते हैं। कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन होता है तो सभी लोग एक दूसरे के आगे नतमस्तक होते हैं, तभी गठबंधन चलता है। अकड़ से गठबंधन नहीं चलता।
बतातें चलें कि पिछले दिनों कांग्रेस के चिंतिन शिविर में भी कांग्रेस के मंत्री और विधायक ने गठबंधन सरकार को लेकर सवाल उठाये थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि झामुमो चाहती है कि झारखंड से कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाए। सरकार की काम का श्रेय पार्टी को नहीं मिल रहा है। सरकार से अलग होने की बात तक कही थी।