गीतांजलि श्री के उपन्यास ने जीता बुकर प्राइज, यह सम्मान पाने वाली हिंदी की पहली किताब

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लंदन। हिंदी की चर्चित लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ ने बुकर प्राइज जीत लिया है। गीतांजलि के उपन्यास ‘टूंब ऑफ सैंड’ को बीती रात लंदन में अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज से नवाजा गया। ‘रेत समाधि’ 80 साल की एक वृद्धा की कहानी है।

इंटरनेशनल बुकर प्राइज हर वर्ष अंग्रेजी में अनुवादित और इंग्लैंड/आयरलैंड में छपी किसी एक अंतरराष्ट्रीय किताब को दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 2005 में हुई थी। ‘टूंब ऑफ सैंड’ गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास ‘रेत-समाधि’ का अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है।

‘रेत समाधि’ हिंदी की पहली ऐसी किताब है जिसने न केवल अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की लॉन्गलिस्ट और शॉर्टलिस्ट में जगह बनाई बल्कि इसे जीत भी लिया।