रांची। शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा ने मध्याह्न भोजन योजना की कुकिंग कॉस्ट की राशि छात्रों को नकद भुगतान करने की समीक्षा की। इस क्रम में कई जिले में राशि भुगतान की स्थिति संतोषजनक नहीं पाया। इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक को संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। इसके आलोक में रांची जिला शिक्षा अधीक्षक ने 25 मई को संबंधित बीईईओ से 2 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
जिला शिक्षा अधीक्षक ने अपने आदेश में कहा है कि मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के 134 दिनों के लिए विद्यालय के छात्रों के बैंक खाता में कुकिंग कॉस्ट की DBT के माध्यम से हस्तांतरण की गई। इसके बाद शेष राशि विद्यालय के सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के खाते में छात्रों को नकद भुगतान के लिए उपलब्ध करायी गयी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 20, 26 एवं 206 दिन की अवधि के लिए कुकिंग कॉस्ट की DBT के माध्यम से हस्तांतरण के उपरांत शेष राशि विद्यालय के सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के खाते में छात्रों को नकद भुगतान के लिए उपलब्ध करायी गयी है।
जिला शिक्षा अधीक्षक ने लिखा है कि 6 मई को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि 9 मई से 10 मई, 2022 तक अभियान चला कर नकद राशि का भुगतान छात्रों को किया जाय। इसके बावजूद आपके प्रखंड में राशि का वितरण नहीं हुआ।
शिक्षा सचिव ने 25 मई, 2022 को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत छात्रों को प्रतिपूर्ति भत्ता वितरण संबंधी ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। इसमें वित्तीय वर्ष 2020-21 के 134 दिन एवं 2021-22 के 20, 26 एवं 206 दिनों की राशि वितरण में जिले की स्थिति पर असंतोष प्रकट की किया गया है। निर्देश दिया है कि संबंधित प्रखंडों से स्पष्टीकरण की मांग की जाय कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत छात्रों को प्रतिपूर्ति भत्ता ससमय भुगतान क्यों नहीं किया गया।
जिला शिक्षा अधीक्षक ने नकद राशि का भुगतान से संबंधित प्रखंडवार स्थिति के अनुसार 2 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण मांगा है कि किन परिस्थितियों में नकद राशि का भुगतान का छात्रों को नहीं किया गया। क्यों नहीं उक्त आरोप में उनपर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पेनालटी लगाने की कार्रवाई की जाय।