नई दिल्ली। दिल्ली स्थित ऐतिहासिक यूनेस्को विश्व धरोहर कुतुब मीनार में स्थित मुगल मस्जिद में ASI ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी। मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने दावा करते हुए कहा कि वह पिछले 47 वर्षों से मस्जिद के इमाम हैं। हालांकि अब इसको लेकर सरकार से स्पष्टीकरण आया है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि एएसआई द्वारा संरक्षित स्थलों के परिसर में धार्मिक प्रथाओं की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब वे कार्यभार संभाले जाने के दौरान उपासना स्थल के तौर पर काम कर रहे थे। संस्कृति मंत्री के एक अधिकारी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की नीतियां निर्जीव स्थानों पर पूजा की इजाजत नहीं देती हैं। अधिकारी ने कहा, “एएसआई की नीतियां निर्जीव स्थानों पर पूजा पर रोक लगाती हैं।
ऐसा कोई आदेश हाल फिलहाल में जारी नहीं किया गया है और यह नियम पहले से मौजूद है। इससे पहले भी एएसआई ने लेटर लिखा था कि नीति के अनुसार वहां नमाज बंद कर दी जाए। आखिरी ऐसा निर्देश कुछ महीने पहले भेजा गया था।” खुदाई को लेकर विवाद के बाद संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और एएसआई के कई अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा साइट का दौरा किया जिसके बाद और भी अफवाहें आने लगीं।
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यात्रा पहले से नियमित थी और इसका ‘परिसर की खुदाई’ वाले विवाद से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि सरकार मीनार के आसपास के जैन और हिंदू मंदिरों में प्रतिमाओं की एक सूची बनाने पर विचार कर रही है।