नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से बीते साल दिसंबर में हुई हरिद्वार धर्म संसद में कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले भाषणों से संबंधित मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पत्रकार कुर्बान अली को हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित धर्म संसद कार्यक्रम के बारे में संबंधित प्राधिकारी को सूचित करने की भी अनुमति दी है। दरअसल 17 से 19 दिसंबर को हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादित भाषण देने का मामला हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में रविवार को होने वाली धर्म संसद पर रोक लगाने के लिए याचिकाकर्ता को स्थानीय कलेक्टर से संपर्क करने को कहा है। याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि हिमाचल में रविवार को होने वाली धर्म संसद पर रोक लगानी चाहिए। इस पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि इससे पहले हम हिमाचल प्रदेश सरकार की बात सुनना चाहेंगे।
याचिकाकर्ता स्थानीय कलेक्टर के पास जा सकते हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार की ओर से बताया गया कि धर्म संसद मामले में चार एफआईआर दर्ज की गईं और इनमें से तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं। सरकार ने कहा कि जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर देंगे।