श्रीलंका। ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार देर रात तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने त्यागपत्र नहीं दिया है।
नेता सदन और शिक्षामंत्री दिनेश गुणवर्धने ने बताया कि मंत्रिमंडल ने इस्तीफा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सौंपा है। उन्होंने सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया। यहां तक कि महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे ने भी अपने सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया है।
जनाकारी के मुताबिक, श्रीलंका में जल्द ही सर्वदलीय सरकार बनने जा रही है, जिसमें विपक्ष के नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। सभी दलों की ओर से ऐसा प्रस्ताव आया था कि राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए एक नई अंतरिम सरकार की जरूरत है। इसी बीच, श्रीलंका सरकार ने व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर लगाया गया प्रतिबंध रविवार को हटा दिया।
इससे पहले, श्रीलंकाई पुलिस ने रविवार को केंद्रीय प्रांत में कर्फ्यू के बावजूद सरकार के विरोध में उतरे पेराडेनिया विवि के छात्रों व शिक्षकों पर आंसू गैस के गोले दागे थे। पिछले कई सप्ताह से देश की जनता को तेल और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में खड़े होने के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी।