जमशेदपुर। टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर में सबल इको सिस्टम का उद्घाटन किया। साकची में एक केंद्र के रूप में शुरू किया गया सबल भौतिक केंद्र के साथ आउटरीच को मिलाकर पूरे जिले के लिए विकलांगता के अनुरूप इकोसिस्टम को एक साथ लाकर जमशेदपुर को दिव्यांग लोगों के लिए अधिक सहानुभूतिपूर्ण, सुलभ और न्यायसंगत शहर बनाने की दिशा में काम करेगा।
जमशेदपुर कंटीन्यूअस एनीलिंग एंड प्रोसेसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (JCAPCPL) के समर्थन से शुरू किया गया केंद्र दिव्यांग लोगों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण, विकलांगता जागरुकता कार्यशालाओं, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, करियर जागरुकता कार्यशालाओं, कंप्यूटर में फाउंडेशन कोर्स और इसी तरह की जरूरत आधारित विभिन्न पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा। इसके अलावा व्यापक संवेदीकरण अभ्यासों के माध्यम से बातचीत की पहल और स्थायी तथा न्यायसंगत विकास के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में व्यवस्थित रूप से समावेशन को बढ़ावा देने जैसे ध्यान देने योग्य क्षेत्रों का निर्माण करेगा।
इस अवसर पर श्रीमती अत्रेयी सान्याल (वीपी, एचआरएम, टाटा स्टील), चाणक्य चौधरी (वीपी, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील), उज्ज्वल चक्रवर्ती (एमडी, जेसीएपीसीपीएल), राकेशेश्वर पांडे (अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन, टीएसआरडीएस और टीसीएस) और सौरव रॉय (चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
विकलांगता के मुद्दों को हल करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों का लाभ उठाने के उद्देश्य से जल्द ही सबल मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया जाएगा। यह ऐप अंततः यह सुनिश्चित करने के लिए कई सूचकांकों की निगरानी करेगा कि सभी विकलांग व्यक्ति अपने सार्वजनिक अधिकारों का उपयोग सही तरीके से कर रहे हैं।
इस अवसर पर सौरव रॉय ने कहा कि सबल, वंचित समूह को समर्थन देने के हमारे मिशन को ध्यान में रखते हुए यह मानता है कि 4 में से 3 विकलांग व्यक्ति भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इनके साथ पहुंच और सामाजिक चुनौतियां हैं, जबकि जगह का समाधान मुख्य रूप से शहरी है। विकलांगता के व्यापक दायरे के भीतर इस अंतर को पाटना सबल का मूलमंत्र है जो विभिन्न तत्वों को पोषित करता है। आने वाले दिनों में, हम उम्मीद करते हैं कि जमशेदपुर देश में, पीडब्ल्यूडी के अनुकूल स्थान के रूप में उभर कर सामने आएगा।
टाटा स्टील फाउंडेशन ने 2017 में सबल की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य एक सहयोगात्मक माहौल और समावेशी बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के लिए एक मंच बनाना है जो कौशल, रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता को सक्षम बनाता है। इस तरह का पहला केंद्र 2017 में नोआमुंडी में शुरू किया गया था। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में सुकिंदा में एक और केंद्र का उद्घाटन किया गया था, जिसमें हर साल 5000 से अधिक लोगों को कौशल, संवेदनशील और सशक्त बनाने के लिए भागीदारों / स्वयंसेवकों का नेटवर्क था।