नई दिल्ली। कोल इंडिया की 100 से अधिक खदानें निजी क्षेत्र को दी जाएगी। इसे लेकर कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के साथ राजस्व साझेदारी मॉडल पर चर्चा की। इसमें एस्सेल माइनिंग, अदानी, टाटा, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल आदि जैसे निजी क्षेत्र की भागीदारी रही। इस प्रस्ताव का उन्होंने उत्साह के साथ स्वागत किया।
केंद्र सरकार सरकार कोल इंडिया की बंद खदानों से कोयले उत्पादन करने के लिए राजस्व साझेदारी मॉडल पर निजी क्षेत्र को भागीदार बनाने पर विचार कर रही है। ऐसी कई खदानें हैं, जिन्हें कई कारणों से कोल इंडिया द्वारा पूर्व में बंद कर दिया गया था। उन्हें निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ फिर से खोला और लाभकारी तरीके से संचालन में लाया जा सकता था।
कोयला मंत्रालय को काफी उम्मीद है कि निजी क्षेत्र के सहयोग से उत्पादकता व दक्षता में वृद्धि होगी। देश के विकास के लिए आवश्यक अतिरिक्त कोयले का उत्पादन किया जा सकेगा। कोल इंडिया नियत समय पर निजी क्षेत्र को राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर ऐसी 100 से अधिक खदानों की पेशकश करना चाहता है।