रांची। झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने विधानसभा घेराव मामले में आरोपी रांची के बीजेपी सांसद संजय सेठ, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, मेयर आशा लकड़ा सहित 28 भाजपा नेताओं की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थियों व राज्य सरकार का पक्ष सुना। सभी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने 28 प्रार्थियों की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। साथ ही 25-25 हजार के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की। इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हाईकोर्ट में पक्ष रखते हुए बताया कि झारखंड विधानसभा घेराव मामले में प्रार्थी निर्दोष हैं।
झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित करने के विरोध में भाजपा ने शांतिपूर्वक विधानसभा घेराव कार्यक्रम का आयोजन किया था। अपने जनतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रार्थियों ने उसमें हिस्सा लिया था। इस दौरान पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किए जाने के कारण कई लोग घायल हो गए थे।
बाद में पुलिस ने विभिन्न गैर जमानतीय धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। दरअसल आठ सितंबर 2021 को झारखंड विधानसभा में अलग नमाज कक्ष को लेकर भाजपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसे लेकर भाजपा नेताओं ने पहले विधानसभा में हंगामा किया था। बाद में इसके खिलाफ विधानसभा मार्च निकाला था, जिसे पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था।
इसमें कई नेताओं को चोट आयी थी। अंचल अधिकारी अमित भगत ने इस मामले में धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में 17 दिसंबर को बीजेपी सांसद संजय सेठ समेत अन्य नेताओं ने निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।