करो या मरो के तेवर में आए जैप अभ्यर्थी, विधायक ने किया था यह वायदा, खुद जाकर बैठ गईं दिल्ली में

झारखंड देश
Spread the love

रांची। राज्यभर के सफल जैप अभ्यर्थी विधायक सीता सोरेन के आवास के बाहर खुले आसमान तले अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। नौकरी के लिए करो या मरो के तेवर में आए ये अभ्यर्थी पूस की ठंड के साथ बढ़ते संक्रमण का कहर भी झेलने को तैयार हैं। आवास के बाहर 60 से 70 के करीब अभ्यर्थी पहुंच चुके हैं। दरअसल अभ्यर्थियों को सीता सोरेन ने पांच जनवरी को रांची बुलाया था। अभ्यर्थी रांची पहुंचे तो विधायक का फ़ोन बंद है। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वह दिल्ली में हैं। 14 जनवरी तक रांची आएंगी।

अभ्यर्थियों को सीता सोरेन ने कहा था कि धरने में वह भी बैठेंगी। फिलवक्त वह राज्य से ही बाहर हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि पहले सरकार ने छला, अब भरोसे देने वाली विधायक भी फुर्र हैं. जबतक वह नहीं आएंगी, या नहीं मिलेंगी तो तब तक वे लोग अनिश्चितकाल के लिए विधायक के आवास का घेराव करेंगे। उनकी मांगें नहीं मानी गई हैं। मांगें नहीं मानी गईं तो आत्मदाह भी करेंगे। वर्ष 2011 फ़रवरी में 1000 से अधिक पदों के लिए बहाली निकाली थी। इसमें 320 अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली। मेधा सूची जारी होने के इंतजार में पिछले 11 वर्षों से सफल युवा अभी भी वर्दी के जूनून में अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं पर अभ्यर्थियों के बारे में कोई नहीं सोचता है। बकौल अभ्यर्थी, पुरानी सरकार ने लाठियां बरसवायीं। नई सरकार पर भी भरोसा था। लेकिन दो वर्ष के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। जैप सफल अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में धरना दे रहे हैं।

बुधवार को विधायक के आवास के बाहर भी धरना देने जुटे। सरकार को सूचना दी कि मांगें अब पूरी नहीं होंगी, तो आत्मदाह करेंगे, पर नौकरी लेकर ही जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने आश्वासन दिलाकर अनशन को तुड़वाया था। पांच जनवरी को धरना पर साथ देने के लिए बुलवाया था, पर यहां आने पर पता चला कि वे दिल्ली में हैं।