छापेमारी में खुलासा, आय छुपाने के लिए दूसरा रास्‍ता अपनाई थी कंपनी

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केरल। आयकर विभाग ने खदान संचालन व्‍यवसाय में शामिल दो समूहों के खिलाफ तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। यह कार्रवाई कोट्टयम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़ और कन्नूर जिलों में फैले 35 से अधिक परिसरों में की गई।

तलाशी कार्रवाई के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। उसे जब्त किए गए। इन दस्‍तावेज और साक्ष्‍यों में वास्तविक बिक्री और नकदी प्राप्ति की प्रविष्टियों को दर्ज करने वाले बही खाता का एक समानांतर सेट शामिल है। इन साक्ष्यों से खदान संचालकों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली का स्‍पष्‍ट रूप से पता चलता है कि वे बड़े पैमाने पर नकदी में की गई बिक्री को छुपाने में लिप्‍त हैं। इसमें यह तथ्य भी है कि ऐसे लेनदेन समूह के नियमित बही खाता में दर्ज नहीं हैं।

इन साक्ष्यों का आपसी संबंध यह भी बताते हैं कि इस तरह से उत्पन्न बेहिसाब नकदी को प्रणालीबद्ध तरीके से अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में निवेश किया गया है, नकद ऋण के व्यवसाय में उपयोग किया गया है। अन्य व्यवसायों में अलिखित पूंजी निवेश की गई है। तलाशी दल ने संपत्तियों की खरीद के लिए मौद्रिक भुगतान के साक्ष्‍य तथा अघोषित बैंक खातों में पर्याप्त नकदी जमा के सबूत भी एकत्र किए हैं। समूह के निर्धारिती इस तरह के लेनदेन से होने वाले पूंजीगत लाभ के लिए विधिवत हिसाब किताब के बिना अचल संपत्तियों की बिक्री करते पाए गए हैं।

तलाशी कार्रवाई में 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की बिना बेहिसाब नकदी जब्‍त की गई है। अब तक की तलाशी में 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब किताब की आय का पता चला है। छापेमारी 5 जनवरी, 2022 को की गई। आगे की जांच जारी है।