परीक्षा में कट ऑफ डेट को बदलने को रघुवर दास ने बताया गलत

झारखंड
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  • कहा, भाजपा की सरकार आने पर फिर मौका दिया जाएगा

रांची। वर्तमान जेएमएम-कांग्रेस सरकार ने राज्य में नियुक्तियों से संबंधित पूर्व में जारी किये गये विज्ञापनों को रद्द कर दिया है। कई में चयन की प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई थी। नई नियमावली इत्यादि बनाकर नए सिरे से नियुक्तियां करने के लिए विज्ञापन जारी कर दिए हैं। नए विज्ञापन में उम्र सीमा से संबंधित कट ऑफ डेट को भी बदल दिया गया है। इसके कारण लाखों की संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित हो रहे हैं। यह गलत है। उक्‍त बातें पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कही।

पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य के गठन के बाद कई वर्षों तक विभिन्न पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा सकी थी। अधिक से अधिक युवाओं को परीक्षाओं में शामिल करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने 2010 अथवा 2016 को कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया था। इसी कट ऑफ डेट के आधार पर 2019 तक विज्ञापन निकाले गए। इसमें अभ्यार्थी शामिल भी हुए। कई में सफल भी हुए। परंतु अब राज्य सरकार ने कट ऑफ डेट को बदलकर 2021 कर दिया है, जिससे भारी संख्या में अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर हो गये हैं।

दास ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस की सरकार ने राज्य के नौजवानों से नौकरियां देने का वादा किया था। अब नौकरियां देना तो दूर उनको चयन प्रक्रिया से भी बाहर करने का काम की है, ताकि अपने मन मुताबिक और फायदे के लिए नियुक्तियां की जा सके। यह आम धारणा जनता में बनी हुई है कि राज्य का पूरा तंत्र भ्रष्टाचार, लेनदेन और मनचाही नियुक्तियों बेचने का कार्य कर रही है। स्थानीय नीति में हमारी सरकार ने स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का कार्य किया था। उसे भी रद्द कर दिया गया है। इससे संबंधित अनेकों मामले न्यायालय में भी चल रहे हैं।

पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य सरकार के सभी विज्ञापनों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सारी नियुक्तियां रमेश हांसदा के मामले में होने वाले निर्णय पर से प्रभावित होंगी। जाहिर है कि रमेश हांसदा के मामले में माननीय न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की है कि राज्य के द्वारा बनाई गई नियमावली असंवैधानिक है। ऐसे में नियुक्तियों का विज्ञापन जारी कर और नियुक्तियों के लिए प्रक्रियाओं को आरंभ कर राज्य सरकार झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उनकी आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रही है।

दास ने कहा कि न्यायालय द्वारा यदि नियमावली रद्द हो जाएगी तो सारी नियुक्ति प्रक्रिया स्वतः ही निरस्त हो जाएगी। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार की मंशा ही यही है कि नियुक्तियों के मामले को उलझा कर, लटका कर, भटका कर रखा जाए। युवा धोखे में रहे और झामुमो- कांग्रेस सरकार अपना लूटतंत्र चला कर अपना घर भरती रहे।

पूर्व सीएम ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि भाजपा की सरकार राज्य में आएगी तो सभी अभ्यर्थियों को, जो समय से परीक्षा नहीं होने के कारण वंचित रहे हैं, उनको उम्र सीमा का लाभ देते हुए उनको चयन प्रक्रिया में जरूर मौका दिया जाएगा।