फिरोज खुर्शीद खान को पसंद हैं नेगेटिव शेड के रोल

मनोरंजन
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अनिल बेदाग

मुंबई। जज्‍बा कायम रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा। जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा। ना हो मायूस ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी। इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा। यकीनन, बॉलीवुड के उन कलाकारों पर यह पंक्तियां फिट बैठती हैं, जो संघर्षों से हार नहीं मानते। दो दशक पहले मुंबई आये फिरोज के खान ने भी इसी मकसद से बॉलीवुड में कदम रखा था। आज यहां अपनी पहचान कायम कर चुके हैं। दो दशक के लंबे सफर में कई धारावाहिक, ऐड फिल्म्स और फिल्में की।

इन दिनों उनकी सुपर हिट वेबसीरीज भौकाल की काफी चर्चाएं हैं। इस वेबसीरीज को बवेजा मूवीज और अप्लॉज एंटरटेनमेंट ने बनाया है। निर्माता हरमन बावेजा एक अच्छे निर्माता के साथ साथ बहुत डाउन टू अर्थ इंसान भी है। सीरीज के  डायरेक्टर जतिन वागले  कूल और टेक्निकली इंटेलिजेंट हैं। वे सीन से पहले कलाकारों से सीन डिस्कस करते हैं। उसके बाद प्लेसिंग करते हैं। एक बार एक इंसिडेंट ऐसा हुआ कि मेरे पास बोलने के लिए जो संवाद आया, वो मेरे कैरेक्टर को सूट नहीं कर रहा था। मैं दुविधा में था कि डायरेक्टर से कुछ कहूं या नहीं। चूंकि मैं एक राइटर भी हूं इसलिए आभास था कि मुझे दिया डायलॉग मेरे कैरेक्टर पर फिट नहीं है। लेकिन मैं जतिन के पास गया और बोला कि मैं इस संवाद में कुछ बदलाव चाहता हूं। क्या कर सकता हूं? उस समय फ़िल्म के राइटर जय जी भी वहीं थे। मेरी बात सुनकर वो हंस पड़े और बोले कि तुम अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हो।

फिरोज कहते हैं कि कलाकार उनके भीतर बचपन से ही छिपा था। तब वो पेंटिंग्स किया करते थे, लेकिन दूरदर्शन पर आने वाली फिल्मों को देखने का शौक था। फिरोज कहते हैं कि बलराज साहनी, दिलीप कुमार, संजीव कुमार मेरे प्रेरक रहे हैं, जिनकी फिल्में देखकर मैं बड़ा हुआ।

किस तरह के रोल करना चाहते हैं! इस सवाल पर फिरोज के खान कहते हैं कि आज के जमाने के नेगेटिव रोल मुझे सूट करते हैं। आईबी या पुलिस के किरदार भी मैं बेहतर तरीके से निभाता हूं। बता दें कि गाजियाबाद (यूपी) से मुंबई आये फिरोज के खान ने हिमाचल सांस्कृतिक अनुसंधान मंच और रंगमंच रिपोर्टरी में 2001से 2002 तक 1 वर्ष का परफॉर्मिंग आर्ट्स में डिप्लोमा किया। 1998 से 2001 तक कलाकार के रूप में इप्टा से जुड़े रहे। गाजियाबाद में 1998 से 2002 तक तक रंगमंच से जुड़े रहे। आज भी वह रंगमंच से जुड़े हुए हैं। डीडी नेशनल और डीडी उर्दू के दर्जनों धारावाहिकों में फिरोज ने कई जबरदस्त किरदार निभाए हैं। चाहे उनकी भूमिका पॉजिटिव रही हो या निगेटिव दोनो में उनके किरदार को खूब सराहा गया है।

बॉलीवुड के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म के शो पाउडर और क्राइम पेट्रोल के बहुत सारी स्टोरीज में मुख्य भूमिका निभा चुके  फिरोज की अगर फिल्मों की बात की जाए तो वह फिल्म जमानत में अमिताभ बच्चन के साथ काम कर चुके हैं। हालांकि किसी कारणवश फि‍ल्म रिलीज नहीं हो पाई। इस फि‍ल्म में उन्होंने रोहित का किरदार निभाया हैं। यशपाल शर्मा के साथ जॉनी जॉनी येस पापा, अक्षय कुमार के साथ बॉस, वंश अपॉन ए टाइम-2, खाप, एक्सीडेंट ऑन हिल रोड जैसी कई फिल्में कर चुके हैं। इस समय एमएक्स प्लेयर पर भौकाल सीजन-2 चल रहा है। इसमें पुलिस कांस्टेबल बलराम यादव के किरदार में नजर आ रहे है। यह इस सीरीज का काफी महत्वपूर्ण किरदार हैं। लोग फिरोज के इस किरदार को काफी पसंद कर रहे हैं। इससे पहले भौकाल सीजन 1 में भी उनके किरदार को काफी सराहा गया था।

अभिनय के अलावा फिरोज, राजा के नाम से कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में भी काम कर रहे हैं। उनकी कास्टिंग एजेंसी का नाम “डबल आरआर कास्टिंग एजेंसी है जो 2006 से सक्रिय है। अब तक वह कई एड फिल्मों की कास्टिंग कर चुके हैं।