अफ्रिका के माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूर जल्‍द वापस आएंगे घर

झारखंड मुख्य समाचार
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  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद श्रमिकों तक पहुंची मदद
  • रांची तक के हवाई टिकट और बकाया वेतन भुगतान की हुई व्यवस्था

रांची। अफ्रिका के माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूर जल्‍द घर वापस पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद श्रमिकों तक मदद पहुंची है। श्रम आयुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था। जानकारी मिलने पर दूतावास ने कार्रवाई की। भारतीय दूतावास के अधिकारियों की उपस्थिति में कंपनी एवं कर्मियों के बीच बैठक हुई। इसमें कंपनी की तरफ से श्रमिकों के रांची तक के हवाई टिकट और बकाया वेतन भुगतान की व्यवस्था हुई। कोविड19 की वजह से माली से भारत के लिए एक ही साप्ताहिक फ्लाइट है। इससे सभी घर लौटेंगे।

गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर

बीते 16 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह जानकारी मिली की अफ्रीकी देश माली में गिरिडीह एवं हजारीबाग जिले के 33 प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं। उन्हें उनके काम का मेहनताना भी नहीं दिया जा रहा है। तीन महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कंपनी द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

श्रमिकों की हर संभव मदद की व्यवस्था

मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंत्री श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग सत्यानंद भोक्ता को मामले में त्वरित कार्रवाई कर श्रमिकों तक हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। इसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए मंत्री ने ट्वीटर के जरिए ही मजदूरों का संपर्क सूत्र पता कर लेबर कमिश्नर, झारखंड सरकार को माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने का निर्देश दिया।

भारतीय दूतावास में राजनयिक को लिखा पत्र

मजदूरों से तत्काल संपर्क स्थापित कर एवं उनसे उनकी समस्या की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के उपरांत लेबर कमिश्नर ए मुथूकुमार ने माली स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक अंजनी कुमार से संपर्क कर मजदूरों की समस्या के समाधान का आग्रह किया।

दूतावास के जरिए मजदूरों तक पहुंची मदद

अफ्रीकी देश माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास ने राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर संज्ञान लिया। तत्पश्चात दूतावास ने मजदूरों एवं कंपनी से संपर्क स्थापित किया। दोनों ही पक्षों को मामले के समाधान के लिए 18 जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया। भारतीय दूतावास की मध्यस्थता में आयोजित बैठक के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने एवं सभी 33 मजदूरों के माली से रांची तक की फ्लाइट टिकट की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी ली।

आपात व्‍यवस्‍था के लिए कंपनी जिम्‍मेवार

साथ ही, फ्लाइट मिलने तक ये सभी मजदूर श्रमिक जब तक माली में रहेंगे। उनके रहने, खाने एवं किसी भी प्रकार की आपात व्यवस्था के लिए कंपनी जिम्मेवार होगी। इस मध्यस्थता पत्र पर श्रमिकों की तरफ से एक प्रतिनिधि एवं कंपनी की ओर से एक प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया। साथ ही, भारतीय दूतावास के दो उच्च अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई। दूतावास ने कंपनी को मजदूरों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त कर उनकी घर वापसी की व्यवस्था पूरी कर सूचित करने का निर्देश भी दिया है।