रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्टों ने दिया धरना, मांगें पूरी नहीं होने पर करेंगे जूता पॉलिश

झारखंड
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रांची। झारखंड रिसोर्स शिक्षक/थेरेपिस्ट संघ के तत्वावधान में विगत 7 वर्षों से लंबित मांगों को लेकर रांची के धुर्वा स्थित झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय के समक्ष दिव्यांग बच्चों का पुनर्वास कार्य में लगे रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्टों ने 14 दिसंबर को धरना-प्रदर्शन कि‍या। धरना पर बैठे लोगों के हाथों में तख्तियां थी। इसपर ‘दिव्यांगों को सम्मान चाहिए, हमें भी वेतनमान चाहिए’, ‘समावेशी शिक्षा सफल प्रयास, पेट है भूखी लव पर प्यास’,  ‘मेहनत करते हैं हम पूरी, हमें चाहिए उचित मजदूरी’, ‘दिव्यांग नियमित दरकार, हमें चाहिए पूरा अधिकार’, ‘दिल मे अब ईमान भरो, हमारा वेतनमान करो’ जैसे नारे लिखे हुए थे।

संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो ने कहा कि मानदेय में वृद्धि, पीएफ कटौती, चिकित्सा व समूह बीमा, ईएल की सुविधा, अनुकंपा राशि और सेवा नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर संघ विगत 7 वर्षों से संघर्षरत है। हालांकि सरकार मांगें पूरी नहीं कर रही है।

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह ने कहा कि इसी परियोजना में कार्यरत अन्य कर्मियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ गया है। समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट का मानदेय यथावत रखना समझ से परे है। अभी दो दिन तक परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, तो हमलोग झारखंड विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकाल के लिए धरना पर बैठेंगे। इस दौरान तिरंगा मार्च, भिक्षाटन, राहगीरों का जूता पॉलिश जैसे कई कार्यक्रम के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।

धरना में संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो, शोभा सिंह, ब्रजेश कुमार, एसबी पांडेय, संघ के सचिव मनोज कुमार, डॉ मनोज सिंह, महताब आलम, अखलाक अहमद, लालबाबू सिंह, डॉ लक्ष्मण सिंह, डॉ आदित्य मंडल, सुषमा कुमारी, अवनीश त्रिपाठी, नूतन तिर्की, राम कृष्ण यादव, बिंदु सिंह, हेमा तिर्की, सतेंद्र महथा, विनय पाठक, हैदर राजा, बसु कुमार, पिंकी पांडेय, कमल कुशवाहा, मोनिषा, थॉमस, नीरज मिश्र, रविन्द्र गुप्ता सहित 300 रिसोर्स शिक्षक व थेरेपिस्ट उपस्थित थे।