रांची। प्रदेश के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर रांची के बिरसा चौक स्थित सेवा भारती के सभागार में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश के संयोजक आशुतोष कुमार की अध्यक्षता में 12 दिसंबर को बैठक हुई। इसमें शिक्षक हित में शामिल विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। सर्वसम्मति से झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया। विभिन्न मुद्दों को लेकर 16 दिसंबर को शिक्षा पदाधिकारियों से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया।
संयोजक मंडली का चयन
इस मोर्चा में सात सदस्यीय संयोजक मंडली का चयन किया गया। संयोजक मंडल में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश प्राथमिक प्रकोष्ठ से विजय बहादुर सिंह, झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के शैलेंद्र सुमन, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के अमीन अहमद , झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के आनंद लाल, आरएसएम के उच्च माध्यमिक के सुधांशु कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया। मोर्चा के मीडिया प्रभारी के रूप में अरुण कुमार दास का चयन किया गया है।
शिक्षक की परेशानी पर चर्चा
संघर्ष मोर्चा के संयोजक मंडली ने कहा कि झारखंड में शिक्षकों को लेकर नित्य नए-नए आदेश लागू किए जा रहे हैं। इससे उन्हें कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में तय मुद्दों को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों से 16 दिसंबर, 2021 को मुलाकात करने का निर्णय लिया गया। बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त पंकज कुमार, रमापति पांडेय, राकेश श्रीवास्तव, अजय कुमार, अरुण कुमार, तौहीद आलम सहित अन्य शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
विद्यालय की नई समय सारणी से संबंधित अधिसूचना पर रोक लगे, राज्य के कर्मचारियों की तरह एमएसीपी लागू हो, कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की आशंका को देखते हुए सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से शिक्षकों के बायोमेट्रिक अटेंडेंस की बाध्यता पर रोक लगाया जाए, कोरोना संक्रमण के दौरान काम कर चुके शिक्षकों को कॉरोना वारियर्स घोषित किया जाए, राज्य के शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण आदेश पर रोक लगे, राज्य के पारा शिक्षकों की समस्याओं का अविलंब निराकरण हो।