हाईकोर्ट का आदेश, पीड़ि‍ता की गुहार, सरकारी कर्मियों के सामने सब बेकार

झारखंड
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  • महीनों से सरकारी कार्यालय का चक्‍कर लगाकर थक चुकी है सुखमैत देवी

गुमला। झारखंड हाई कोर्ट का आदेश। पीड़ि‍ता की गुहार। सरकारी कर्मियों के सामने सब बेकार साबित हो रहे हैं। पीड़ि‍ता सुखमैत देवी महीनों से सरकारी कार्यालय का चक्‍कर लगाकर थक चुकी है। इस मामले में वह उपायुक्‍त तक को कई बार अर्जी दे चुकी है। इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

जानकारी के मुताबिक झारखंड के गुमला जिले में लघु सिचाई प्रमंडल में वर्ष, 1972 में चौकीदार के बाद पर बैजनाथ सिंह खेरवार की नियुक्ति हुई थी। उनकी मृत्यु अगस्त, 2008 में हो गई। उनकी सेवानिवृत्त लाभ एवं पारिवारिक पेंशन का भुगतान करने का आदेश झारखंड हाईकोर्ट ने दिया। अदालत के आदेश के बावजूद भी मृतक की पत्‍नी सुखमैत देवी परेशान-परेशान है। उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है।

अदालत ने याचिका संख्या (डब्ल्यूपी (एस)- 5375/2015) सुखमैत देवी बनाम झारखंड सरकार एवं अन्य में 10 फरवरी, 2020 को आदेश पारित किया। अदालत ने छह माह के अंदर सेवानिवृत्त लाभ का भुगतान कर पारिवारिक पेंशन चालू करने का आदेश दिया था। इस आदेश का अनुपालन समय पर नहीं होने पर अतिरिक्त 10% ब्याज के साथ संपूर्ण राशि की भुगतान करने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया था।

पीड़ि‍ता न्यायादेश की प्रति लगाकर अब तक कई बार लघु सिचाई प्रमंडल गुमला के कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता, विभाग के मुख्य अभियंता को आवेदन दे चुकी है। उपायुक्त को भी पत्र भेजकर सेवानिवृत्त लाभ एवं पारिवारिक पेंशन चालू करने की गुहार लगा चुकी है। हालांकि अब तक किसी ने नहीं सुनी। इनके सभी कार्य अब भी लंबित हैं। मामले में टालमटोल किया जा रहा है l

इस मामले में गुमला लघु सिचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता पीके भगत ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के आलोक में 14 अगस्‍त, 2020 (कार्यालीय पत्रांक-566) को अधीक्षण अभियंता (रांची) एवं मुख्य अभियंता से उचित मार्गदर्शन की मांग की जा चुकी है। दिशा निर्देश संबंधी पत्र प्राप्त होने के बाद ही इस विषय पर अग्रेतर कारवाई की जाएगी।