सरकारी स्‍कूल के विद्यार्थियों को एक सप्‍ताह में मिड डे मील के मिलेंगे 253 करोड़

झारखंड मुख्य समाचार
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  • झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने उपायुक्‍तों को शर्तों की दी जानकारी

रांची। झारखंड के सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिड डे मील के एवज में करीब 253 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसके लिए राशि जारी कर दी है। प्राधिकरण की निदेशक किरण कुमारी पासी ने 01 दिसंबर को इसकी सूचना सभी उपायुक्त और सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को दी।

निदेशक ने पत्र में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मध्याह्न भोजन संचालन/प्रतिपूर्ति के लिए कुकिंग कॉस्ट (केंद्रांश एवं राज्यांश मद) की राशि का आवंटन किया जा रहा है। कुल स्वीकृत आवर्ती मद में 253 दिन+ग्रीष्‍मावकाश 22 दिन यानी 275 दिन में से 119 दिन+ ग्रीष्मावकाश 22 दिन यानी 141 दिन की राशि विमुक्त कर दी गई है।

वर्तमान में शेष 134 दिनों के लिए आवर्ती मद में राशि का आवंटन किया जा रहा है। 134 दिनों के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षा के प्रति छात्र/छात्रा के लिए राशि देय है। प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति छात्र/छात्रा 665.98 रुपये दिये जाने हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक कक्षा के लिए 998.30 रुपये दिये जाने हैं।

निदेशक ने लिखा है कि प्रत्येक जिला के लिए राशि का आवंटन भारत सरकार को प्रतिवेदित छात्र संख्या के आधार पर किया जा रहा है। इसके अनुसार शत-प्रतिशत छात्र/ छात्रा को राशि का भुगतान सुनिश्चित की जाए। विमुक्त की जा रही राशि को एक सप्ताह के अंदर DBT के माध्यम से सीधे बच्चों के खाते में भेजना सुनिश्चित किया जाय।

राशि आवंटन का उपयोगिता प्रतिवेदन 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराया जाय, ताकि भारत सरकार को ससमय प्रतिवेदन समर्पित किया जा सके। छात्र/छात्रा को राशि का भुगतान निर्धारित समय सीमा में किया जाए। किसी भी परिस्थिति में विलंब स्वीकार्य नहीं होगा।

राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के लगभग 32 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। इसके तहत चावल के अलावा कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए 4.97 रुपये व कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को 7.45 रुपये कुकिंग कॉस्ट की राशि दी जाती है। कुकिंग कॉस्ट के तहत दाल, नमक, तेल, मसाला, सब्जी की राशि दी जाती है। इन सामग्री का पैकेट बना कर राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चों को देने का निर्णय लिया गया था। जानकारी हो कि कोरोना के बाद राज्य में मार्च 2020 से स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनना बंद है।