- यह सुविधा हिन्दी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में होगी उपलब्ध
नई दिल्ली। अत्याचार होने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग सीधे इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। वे हिन्दी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी बता सकेंगे। हेल्पलाइन पूरे देश में सातों दिन हर समय उपलब्ध होगी। यह सेवा सोमवार से काम करने लगेगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) का उपयुक्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 13 दिसंबर, 2021 को अत्याचारों के विरुद्ध राष्ट्रीय हेल्पलाइन (एनएचएए) का शुभारंभ करेगा।
अत्याचारों के विरुद्ध राष्ट्रीय हेल्पलाइन पूरे देश में सातों दिन हर समय टोल-फ्री नंबर ‘14566’ पर उपलब्ध होगी। देश भर में कहीं से भी किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के किसी भी मोबाइल अथवा लैंड-लाइन नंबर से वॉइस कॉल कर इस हेल्पलाइन से सहायता ली जा सकती है। यह सुविधा हिन्दी, अंग्रेजी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। इसका मोबाइल एप्लीकेशन भी उपलब्ध होगा।
इस हेल्पलाइन का उद्देश्य भेदभाव समाप्त करने और सभी को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों के उपबंधों के संबंध में सूचनाप्रद जागरुकता का प्रसार करना है। यह प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक शिकायत का एफआईआर के रूप में पंजीकरण हो। प्रत्येक शिकायतकर्ता को राहत मिले। न्यायालय से निर्णय प्राप्त करने के लिए दायर सभी चार्जशीटों पर मुकदमा चलाया जाए। यह सब अधिनियम में दी गई समय-सीमा के भीतर किया जाए।
एक वेब आधारित स्वयंसेवा पोर्टल के रूप में उपलब्ध, अत्याचारों के विरुद्ध राष्ट्रीय हेल्पलाइन सिविल अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम, 1955 और इनकी नियमावली के बारे में भी जागरुकता का प्रसार करेगा।
अधिनियम का अनुपालन नहीं होने के कारण पीड़ित/शिकायतकर्ता/एनजीओ से प्राप्त प्रत्येक शिकायत के लिए डॉकेट नंबर दिया जाएगा। शिकायत की स्थिति को शिकायतकर्ता/एनजीओ द्वारा ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
किसी भी प्रकार की पूछताछ के उत्तर हिन्दी, अंग्रेजी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में आईवीआर अथवा ऑपरेटरों द्वारा दिए जाएंगे। इस राष्ट्रीय हेल्पलाइन में सिंगल प्वाइंट संपर्क की संकल्पना को अंगीकृत किया गया है। इसमें फीडबैक प्रणाली भी उपलब्ध है।