बंगलुरु। बंगलूरु के रहने वाले नंदगोपाल और उनकी पत्नी भावना की 11 साल की बेटी है। उनकी 11 साल की बेटी दिया आनुवंशिक बीमारी टाइप 2 स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित है। इस बीमारी का इलाज इतना महंगा है कि अगर वह अपनी सारी संपत्ति भी बेच देते तो भी अपनी बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं जुटा पाते।
उन्होंने बेटी के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग सहित हर संभव तरीके तलाशने शुरू किये। लेकिन ईश्वर उन पर जल्दी मेहरबान गया। 18 नवंबर को उन्हें अचानक फोन आया। फोन पर उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी दिव्या ने नोवार्टिस ‘लॉटरी’ जीत ली है और अब टाइप 2 स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के इलाज में सहायक Zolgensma नामक इंजेक्शन उन्हें फ्री मिलेगा। दिव्या के माता-पिता को पहली बार तो उन्हें इस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ।
दिव्या को हुई दुर्लभ बीमारी का इलाज सिर्फ Zolgensma इंजेक्शन से हो सकता है, इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपए हैं लेकिन दिव्या को अब यह इंजेक्शन एकदम मुफ्त में मिलेगा।
बता दें कि नोवार्टिस कंपनी द्वारा दिव्या को यह इंजेक्शन मिल चुका है। नोवार्टिस कंपनी the global Managed Access Program (MAP) नाम से एक कार्यक्रम चलाती है। इससे कंपनी हर साल दुनियाभर के 100 बच्चों का चयन कर उन्हें मुफ्त दवा प्रदान कराती है।